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९० : श्रमण/जुलाई/सितम्बर/१९९५
विशेष रूप से लगायी गयी चित्र प्रदर्शनी का उद्घाटन तथा विद्यापीठ द्वारा प्रकाशित चार नवीन ग्रन्थों का लोकार्पण किया। विद्यापीठ के वरिष्ठ प्रवक्ता डॉ० अशोक कुमार सिंह ने श्री भारतीतीर्थ जी महाराज के सम्मान में प्राकृत भाषा में स्वरचित अभिनन्दन-पत्र का वाचन किया। विद्यापीठ के निदेशक प्रो० सागरमल जी जैन ने परमपूज्य श्री भारतीतीर्थ जी महाराज का अभिनन्दन करते हुए आगन्तुक विद्वानों एवं श्रद्धालुओं का हार्दिक स्वागत किया। इस अवसर पर विद्यापीठ के प्रकाशनों का एक सेट भी प्रो० सुरेन्द्र वर्मा द्वारा श्री भारतीतीर्थ जी महाराज को भेंट किया गया। मौन व्रत के कारण अपने लिखित आशीवर्चन में स्वामीजी ने विद्यापीठ और उसकी शैक्षणिक गतिविधियों को प्रत्यक्ष देखकर
स्थायी जैन चित्र प्रदर्शनी
अत्यन्त प्रसन्नता व्यक्त करते हुए इसके उत्तरोत्तर विकास की कामना की। अत्यल्प सूचना पर आयोजित इस सफलतम कार्यक्रम की सभी ने सराहना करते हुए इसे चिरस्मरणीय बताया और इसके भव्य आयोजन के लिये समस्त विद्यापीठ परिवार की भूरि-भूरि प्रशंसा की।
श्री सीताराम केशरी और चन्द्रजीत यादव विद्यापीठ में
राष्ट्रीय मानव संस्कृति शोध संस्थान, वाराणसी द्वारा पार्श्वनाथ विद्यापीठ के प्रांगण में आयोजित तीन दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी के उद्घाटन के अवसर पर दिनांक ५. ३. ६५ को केन्द्रीय समाज कल्याण मंत्री श्री सीताराम केशरी और पूर्व केन्द्रीय मंत्री एवं सांसद श्री चन्द्रजीत यादव का विद्यापीठ के निदेशक प्रो० सागरमल जैन तथा अन्य उच्चाधिकारियों ने भव्य स्वागत करते हुए उन्हें विद्यापीठ की शोधप्रवृत्तियों एवं भावी विकास की योजनाओं के सम्बन्ध में जानकारी प्रदान की। श्री केशरी और श्री यादव दोनों ने संस्थान के क्रियाकलापों
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