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पुस्तक समीक्षा : ८७
अंक -- खण्ड ६. वर्ष --- १६६३ मूल्य - ( व्यक्तिगत ) ५०.०० रुपये, ( संस्था ) -- १००.०० रुपये
पञ्चाल कला, इतिहास, पुरातत्त्व एवं संस्कृति से सम्बन्धित विषयों की शोध-पत्रिका है। प्राचीन भारतीय विद्या से सम्बन्धित शोध-पत्रिकाओं में इसका भी एक महत्त्वपूर्ण स्थान है। इस पत्रिका के सम्पादक प्रसिद्ध इतिहासविद् डॉ० आर्शीवादी लाल श्रीवास्तव हैं, जिनके सम्पादन में पत्रिका में मौलिक एवं शोधपरक लेख पढ़ने को मिलते हैं।
प्रस्तुत अंक के प्रथम खण्ड में प्रसिद्ध विद्वान प्रो० कृष्ण दत्त बाजपेयी की स्मति से सम्बन्धित विभिन्न विद्वानों के संस्मरणात्मक लेख हैं। दूसरे खण्ड में शोधपरक निबन्ध हैं। तीसरे खण्ड में संस्थान के कार्य-कलाप, पत्रिका के सम्बन्ध में विद्वानों की सम्मतियाँ, पुस्तक-समीक्षा आदि छपी हैं।
पत्रिका शोधार्थियों एवं इतिहास, पुरातत्त्व, कला संस्कृति आदि से प्रेम रखने वाले जिज्ञासुओं के लिए अत्यन्त महत्त्वपूर्ण है।
- श्री असीम कुमार मिश्र
पुस्तक - ध्यानयोग विधि और वचन लेखक - महोपाध्याय ललितप्रभसागर प्रकाशक - श्री जितयशा फाउण्डेशन, कलकत्ता संस्करण -- प्रथम, १६६५ मूल्य - रुपये २०.००
इस पुस्तक में पूज्य ललितप्रभसागर जी द्वारा जोधपुर में आयोजित ध्यान-शिविर में दिये गये प्रवचनों का संकलन है। प्रस्तुत पुस्तक में मुनि के ध्यान विधि सम्बन्धी प्रवचनों के साथ-साथ शिविर में आये साधकों के अनुभवों के भी कुछ अंश सम्मिलित हैं जिससे व्यावहारिक दृष्टि से पुस्तक की महत्ता बढ़ गयी है। यह पुस्तक ध्यान साधना के मार्ग पर चलने वाले उन साधकों के लिए विशेष रूप से उपयोगी है जो जीवन में शान्ति, सत्य और आनन्द की तलाश में
पुस्तक की साज-सज्जा आकर्षक है। मुद्रण निर्दोष एवं भाषा सरल है। कृति संग्रहणीय है।
- श्री असीम कुमार मिश्र
पुस्तक - समय की चेतना लेखक -- श्री चन्द्रप्रभ सागर
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