Book Title: Sramana 1995 07
Author(s): Ashok Kumar Singh
Publisher: Parshvanath Vidhyashram Varanasi

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Page 65
________________ नागेन्द्रगच्छ का इतिहास : ६३ भगवानदास गाँधी - ऐतिहासिकलेखसंग्रह, पृ० २. त्रिपुटी महाराज, जैन परम्परानो इतिहास, भाग २, श्री चारित्र स्मारक ग्रन्थमाला, ग्रन्थांक ५४, अहमदाबाद १६६० ई० सन्, पृ० ७. हीरालाल रसिकलाल कापड़िया, जैन संस्कृत साहित्यनो इतिहास, खण्ड २, उपखण्ड १, श्री मुक्ति कमल जैन मोहनमाला, बड़ोदरा १६६८, पृ० ३४४. ४२. ढांकी, पूर्वोक्त, पृष्ठ २०-२४. ४३. देसाई, पूर्वोक्त, कण्डिका ५६८. ४४. प्रबन्धचिन्तामणि, संपा०, मुनि जिनविजय, सिंघी जैन ग्रन्थमाला, ग्रन्थांक १, शान्तिनिकेतन १६३३ ई० सन्. ४५. वही, प्रशस्ति , पृ० १२५. ४६. मोहनलाल दलीचन्द देसाई, जैन गुर्जर कविओ, भाग १, नवीन संस्करण, संपा०, डॉ० जयन्त कोठारी, महावीर जैन विद्यालय, बम्बई, ई० सन् १९८६, पृ० ६६-६८. ४७. वही, पृ० १२७-१२६. ४८. वही, पृ० १३६-१४२. ४६. द्रष्टव्य, सन्दर्भ संख्या ६. ५०. द्रष्टव्य, सन्दर्भ संख्या, १४ एवं १५. ५१. गुलाबचन्द्र चौधरी, जैन साहित्य का बृहद् इतिहास, भाग ६, पार्श्वनाथ विद्याश्रम ग्रन्थमाला, ग्रन्थांक २०, वाराणसी १६७३ ई०, पृष्ठ १५६-१५७. ५२. मुनि जिनविजय, संपा०, जम्बूचरिय, प्रस्तावना, पृ० ३. ५३. वही, पृ० ३. ५४. वही, पृ० ६. ५५. देसाई, पूर्वोक्त, पृ० १६२. . ५६. सी० डी० दलाल, संपा०, प्राचीन गुर्जर काव्य संग्रह, गायकवाड़ प्राच्य ग्रन्थमाला, क्रमांक १३, बड़ोदरा १६२० ई०, पृष्ठ १-७. 40. Muni Punyavijaya - Catalogue of Palm Leaf Mss in the Shantinatha Jain Bhandar, Cambay G. O. S. No. 149, Baroda 1966 A. D. __ "विवेकमंजरीप्रकरणवृत्ति" की प्रशस्ति, श्लोक १४, पृ० २७८ ५८. द्रष्टव्य - सन्दर्भ क्रमांक २७. ५९. मुनि पुण्यविजय, संपा०, सुकृतिकीर्तिकल्लोलिन्यादिवस्तुपालप्रशस्तिसंग्रह, सिंघी जैन ग्रन्थमाला, ग्रन्थांक ५, बम्बई १६६१ ई०, पृ० १-१६. ६०. मुनि पुण्यविजय, संपा०, धर्माभ्युदयमहाकाव्य, सिंघी जैन ग्रन्थमाला, ग्रन्थांक ४, बम्बई १६४६ ई०. ६१. वहीं, प्रशस्ति, पृ० १८८-१६०. Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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