Book Title: Sramana 1995 07
Author(s): Ashok Kumar Singh
Publisher: Parshvanath Vidhyashram Varanasi
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श्रमण/जुलाई-सितम्बर/१९९५
गुरु- परम्परा की तीन अलग-अलग तालिकायें संगठित की जा सकती हैं, जो
निम्नानुसार हैं : तालिका : १
तालिका : २
गुणदत्तसूरि ( वि० सं० १५२३ ) तालिका : ३
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?
भुवनानन्दसूरि
1
पद्मचन्द्रसूरि ( वि० सं० १३६६ )
रत्नाकरसूरि (वि० सं० १४१५ )
I
रत्नप्रभसूर ( वि० सं० १४२२ - १४४७ )
सिंहदत्तसूरि ( वि० सं० १४६६- १४८३ )
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T
उदयदेवसूरि ( वि० सं० १४४६ - १४५३ ) T
गुणसागरसूरि ( वि० सं० १४८३ - १४८५ -१४८६ )
I
गुणसमुद्रसूरि ( वि० सं० १४६२ - १५१६ ) 1
गुणदेवसूरि ( वि० सं० १५१७- १५३५ )
?
I
पद्माणंदसूरि ( वि० सं० १४८४ - १४६६ )
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