Book Title: Shrutsagar Ank 2013 06 029
Author(s): Mukeshbhai N Shah and Others
Publisher: Acharya Kailassagarsuri Gyanmandir Koba

View full book text
Previous | Next

Page 41
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir श्रुतसागर - २९ १५. ऊदेरी - उदीरणा करीने ४७. जाति = प्रकार १६. संकलप = निश्चय ४८. वारु = भेद १७. सदीव = सदा ४९. पगरखां = चंपल १८. पिहुली = पहोळी ५०. तंबोल = नागरवेलनुं पान १९. माझनो = माप ५१. सालणा = कचुंबर, अथाणा २०. खीजइ - पेटाव ५२. कचकडा = वस्तु विशेष २१. सवाविसु = रूपियानी एक आनी ५३. घाटडी = लाल बांधणीनी ओढणी २२. अलीक = खोटुं ५४. केसूडी = केसूडाना फूल २३. सजन = स्वजन ५५. सुकडि = चंदन २४. नीम = नियम ५६. कालूबरी = काळो उंबर २५. रोध = अवरोध, अंतराय ५५७. मलीयागरु = एक प्रकार- चंदन २६. दुम्कृत = दुष्कृत ५८. लोबान = एक प्रकारनो धूप २७. मेहुण = मैथुन ५९. मीती = माटी २८. वेरु = भेद (वारो) ६०. बरटीअ = एक प्रकारनु हलकुं धान्य२९. आखडी = व्रत बंटी ३०. सिंघलय = सिंह ६१. कुलथीअ = कळथी ३१. भाण = सूर्य ६२. मसूरि = मसूर ३२. न्यान = ज्ञान ६३. चिरहाली = चारोळी ३३. पराजीयां = अलंकार विशेष ६४. नीलवणि = लीलोतरी ३४. खडकी = घर आगनी बारणावाळी ६५. मतीरा = फळ विशेष छूटी जग्या ६६. झारि = जार ३५. मुद्रा = महोर ६७. डोडी = एक प्रकारनी वनस्पति ३६. रणसहिंहुत्ततरूउं = ३७३ ६८. आउलि = (बाउलि) बावळनुं दांतण ३७. सफार = घणो ६९. आसव = आसव ३८. छाली = बकरी ७०. काढउ = उकाळी ३९. हीर = मूल्यवान ७१. बूकी = चूर्ण ४०. कांचली = स्त्रीओर्नु उपरनुं वस्त्र | ७२. काथकि = क्वाथ ४१. कण = अनाजना दाणा जेवू ७३. मुरकी = जलेबीना आकारनी एक ४२. धृत = घी मीठाई ४३. थलवटि = रणप्रदेश ७४. लापेसी = लापसी ४४. सित = सो, शत ७५. हांडल = वासण ४५. अत = आठ ७६. कारी = करावीने ४६. सफर = खूब ७७. गूंथण = गुंथवू ७८. सकट = गाड़े For Private and Personal Use Only

Loading...

Page Navigation
1 ... 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84