Book Title: Shrutsagar Ank 2013 06 029
Author(s): Mukeshbhai N Shah and Others
Publisher: Acharya Kailassagarsuri Gyanmandir Koba

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Page 55
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir भरुचतीर्थना प्रतिमा लेखो __ आचार्यश्री विजयसोमचंद्रसूरिजी विहार दरम्यान थती तीर्थोनी स्पर्शना आनंद® कारण बनी रहे छे. यात्रा क्यारेक एवा मुकामे पहोंचे छे. ज्यां आनंद बेवडाय छे. आवी ज बेवडायेला आनंदनी स्पर्शना भरूच तीर्थनी भूमिमां संप्राप्त थई. तीर्थ यात्रानी साथे एनी ऐतिहासिक विगतो नोंधवानुं सद्भाग्य सांपड्यु, आ लेखोना माध्यमे. _ वि. सं. १९८०मां पू. योगनिष्ठ आचार्य भगवंत श्री बुद्धिसागरसूरिश्वरजी म.सा. द्वारा संपादित जैन धातु प्रतिमा लेख संग्रह भाग-२मां भरूच तीर्थना लेखो प्रकाशित थया छे. एमांना केटलांक लेखो सुधारा वधारा साथे अत्रे प्रकाशित कर्या छे, तो केटलांक साव नवा ज धातु प्रतिमा लेखो मळी आव्या ए अहीं प्रकाशित कर्या छे. प्रतिमा लेखोमां सचवायेलो ऐतिहासिक वारसो आपणा वर्तमान अने भविष्यने वधु सार्थक अने समृद्ध बनावे छे. भरुचतीर्थनो परिचय जैनतीर्थ सर्वसंग्रह, जैनतीर्थोनो परिचय, विविध तीर्थ कल्प विगेरे ग्रंथोमांथी मळी रहे छे. भरूचतीर्थना ईतिहासमां केटलांक नवा तथ्यो अने नवं साहित्य उमेराशे आ लेखोना माध्यमे ए ज आशा साथे... अनंतनाथ भगवानना जिनालयना प्रतिमा लेखो १. १७० जिन पट्ट, (आरस), प्राय: १३मी सदी ............... चैत्ये पल्लीवालज्ञातीय जगसीहप्रभृतिनिजकुटुंब यु. कारितं प्रतिष्ठितं....................... देवसंतानीय श्री. २. संभवनाथ भगवान, चतुर्विंशति संवत् १४९६ वर्षे फागुण वदि ११ रवी श्रीश्रीमालज्ञातीय पितृ-केल्हा मातृपाल्हणदेसुत माईआ-वाईआभ्यां श्रीसंभवनाथचतुर्विंशतिबिंब कारितं श्रीब्रह्माणगच्छे प्रति. श्रीविमलसूरिभिः ।। ३. पार्श्वनाथ भगवान, त्रितीर्थी संवत् १८८१ नेमाज्ञातीय.......................... सा. खुसालदास..........रेवा ........ कारापितं श्रीपार्श्वजिनबिंबं प्रतिष्ठितं श्रीआनंदसोमसूरिभिः । For Private and Personal Use Only

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