Book Title: Shrutsagar Ank 2013 06 029
Author(s): Mukeshbhai N Shah and Others
Publisher: Acharya Kailassagarsuri Gyanmandir Koba

View full book text
Previous | Next

Page 42
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir श्राविका गोरी बारव्रत इच्छा परिमाण टीप मुनिश्री सुयशचंद्रवि. प्रतना प्रारंभे श्री गुणविजयगुरुभ्यो नमः आ प्रकारना मळता उल्लेख अनुसार गोरी श्राविकाए गुणविजय पंडित पासे व्रत ग्रहण कर्यु होवानी संभावना छे. व्रत ग्रहण के व्रत ग्रहण टीपना समयनो निर्देश थयो नथी, तो साथे स्थळ अने काळ विषयक चोक्कस उल्लेख पण कृतिमाथी प्राप्त थतो नथी. गुणविजय गणिना समयकाळनी होवा अंगे पण कोई स्पष्ट अंदेशो मळतो नथी. कृतिना स्वरूपने जोतां, कृति सोळमीना उत्तरार्ध अने सत्तरमीना पूर्वार्धनी रचना होवानुं संभवे छे. कुल ४१ कडीमां विस्तरेल कृति दूहा अने ढाळ छंदमां रचायेली छे, कृतिमा ढाळ क्रमांकनो निर्देश नथी, परंतु ढाल अनुसार कृति ५ ढाळ- परिमाण धरावे छे. क्यांय देशीनो प्रयोग थयो नथी, दरेक ढाळमां राग प्रयुक्त थया छे. कृतिमा शब्द अने वर्णनो अनुप्रास एनी गेयतामां सारो एवो वधारो करे छे. शब्द रचना अने वर्णबंधनी द्रष्टिमां कविनी प्रतिभानो परिचय थया वगर रहेतो नथी. कृतिनो प्रारंभ जिन चरणना स्मरण पूर्वक करता कवि कृतिना विषय नी रजूआत करे छे. प्रति दिन जिनेश्वर भगवंतनी पूजा करवी, वर्षे एक अंगलूंछणुं आप, योग मळे तो गुरुभगवंतने एक वार वंदन करीने ज सू... इत्यादि श्राविकाए ग्रहण करेला व्रतो जणावे छे. त्रीजा व्रत ग्रहण दरम्यान एक वर्षे ४० मुदफ्फर प्रमाण करनी जयणा राखवानी वात व्यवहार जीवननी प्राधान्यतानी सूचक छे, तो आ प्रकारनु अदत्तादान विरमण व्रतनुं ग्रहण धर्मने केंद्रमा राखी जीवन पद्धतिना निर्माणनुं दर्शन करावे छे. सातमा भोगोपभोग विरमण व्रत परिमाणना स्वीकार समये चार नावथी वधारे नावना उपभोगना त्यागनी वात त्यांना स्थळ अने तत्कालीन स्थितीने वधु स्पष्ट करे छे. व्रत ग्रहण करनारने आ रीते नावनो वधु वपराश होवानी संभावनाने पण सूचवी जाय छे. बस्सो मुद्दफरी प्रमाण धान्यनो व्यापार करवाना परिमाणथी लोभ मर्यादित थई जाय छे, तो सार्थ साथे व्यापार संबंधी पुरातन व्यवस्थाओ पण जाणवा मळे For Private and Personal Use Only

Loading...

Page Navigation
1 ... 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84