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प्रकाशकीय
श्रद्धेय गुरुदेव राष्ट्रसंत कविरत्न उपाध्याय अमर मुनि जी म. की महतो प्रेरणा के महाघस्वरूप इस वर्ष श्री अमर भारती का 'श्रमण संस्कृति विशेषांक' प्रकाशित किया है। उक्त विशेषांकों में स्थायी महत्त्व के निबंधों को इस पुस्तक 'श्रमण संस्कृति : सिद्धान्त और साधना' के रूप में इसलिए प्रकाशित किया जा रहा है ताकि वे युगों-युगों भूले-भटके मानवों को जीवन एवं युगधर्म का सही मार्ग दिखा सकें।
हमें विश्वास है, जिस प्रकार से श्री अमर भारती के उक्त दोनों विशेषांकों का सर्वदिश सम्मान हुआ है, यह पुस्तक भी सम्मानित होगो।
मंत्री, सन्मति ज्ञानपीठ
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