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one, that has been prepared by Révatî for some other purpose It is useful for the relief of the illness
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Simha became greatly delighted on getting the permission from Śramaņa Bhagavāna Mahāvīra. Having done respectful homage to the Worshipful Lord, he went to the house of Révatî in Mendhika-grama. On seeing Simha Anagara coming to her house, Révati advanced seven or eight steps towards hirn, and with a
----- - --- --- - --- पडिज्जिय २ जाव विहरति से णं अंतो छण्ड मासाण संखित्तउलतेयलेस्से भवति, तए ण से गोसाले मंखलिपुत्त ममं एयमह सम्मं विणएणं पडिमुणेति (सूत्र ५४३ )
तएण अहं गोयमा ! अन्नदा कदाइ गोसालेण भंखलिपुत्तेण सद्धि कुम्मगामाओ नगराओ सिद्धत्थग्गामं नगरं संपहिए विहाराए जाहे य मो तं देसं हव्वमागया जत्थ ण से तिलथंभए, तए ण से गोसाले मंलिपुत्ते एवं वयासो-तुज्झे ण भंते ! तदा ममं एवं आइक्खड़ जाव परूवेह-गोसाला ! एस गतिलथंभए निफज्जिस्सइ तंचेव जाव पच्चाइस्सति तणं मिच्छा इमं च णं पच्चक्खमेव दीसइ एस ण से तिलथंभए णो निष्फन्ने अनिष्फनमेव ते य सन तिलपुष्कजीवा उदाइत्ता २ नो एयस्स चेव विलथंभगस्स एगाए तिलसंगलियाए सत्त तिला पच्चायाया, तए णं अहं गोयमा ! गोसालं मंखलिपुत्तं एवं वयासी-तुमंणं गोसाला! तदा ममं एवं आइक्खमाणस्स जाब परूवेमाणस्स एयमद्वं नो सहहसि नो पत्तियास नो रोययसि एयमढे असहहमाणे अपत्तियमाणे अरोएमाणे ममं पणिहाए अयन्नं मिच्छावादी भवरत्तिकटु मम अंतियायो सणियं २ पच्चोसकसि प० २ जेणेव से तिलथंभए तेणेव उवा०२ जाव एगंतमते एडेसि, तक्खणमेत्तं गोसाला ! दिव्वे अब्भवहलए पाउम्भूए, तए ण से दिन अभवद्दलए खिप्पामेव त चेव जाव तस्स चेव तिथथंभगस्स एगाए तिलसंगुलियाए सत्त तिला पच्चायाया, तं एस ण गोसाला ? से तिलथंमए निप्फन्ने णो अनिष्फन्न मेव, ते य सत्त तिलपुप्फजीवा उदाइत्ता २ एयरस वेब विलथंभयम्स एगाए तिलंसंगुलियाग सत्त तिला पच्चायाया, एवं खलु गोसालाः वणस्सइकाइया पउपरिहारं परिहर्रात, तए ण सं गोसाले
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