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When his health improved Jamnāli left Srävasti, but he was always preaching his new doctrine wherever he went.
Dismissal of Jamāli. At that time, Sramaņa Bhagavāna Mahävira was staying at Purņabhadra Caitya of Campă Nagari. Jamāli came to śramana Bhagavāna Mahāvira and standing at some distance from him, he said:-“O Beloved of the gods ! Do not think about me that I am moving about in the careless way that most of your disciples adopt. I am moving about as a Kévalın".
सत्त मधुगंगाओ सा एगा लोहियगंगा, सत्त लोहियगंगाओ सा एगा आवतीगंगा, सत्त आवतीगंगाओ सा एगा परमावती एयामेव सपुव्वावरेणं पगं गंगासयहस्सं सत्त रसहस्सा छच्चगुणपन्नगंगासया भवंतीति मक्खावाया, तासि दुविहे उद्धारे पण्णत्ते तं जहा-सुहुम बांदिकलेवरे चेव बायर बौदिकलेवरे चेव तत्थ णं जे से सुहुमबोंदिकलेवरे से टप्पे तत्थ णं ये से बायरबौदिकलेवरे तओ णं वाससए २ गए २ एगमेगं गंगावालुयं अवहाय जावविएणं कालण से को खीणे जीरेए निल्लेवे निहिए भवति सेत्तं सरे सरप्पमाणे एएण सरप्पमाणेण विनिसरसयसहस्सीओ से एगे महाकप्पे चउरासीह महाकप्पसयसहस्साई से एगे महामाणसे, अणंताओ संजूहाओ जीवे चयं चत्ता उपरिल्लेमाणसे संजूहे देवे उववज्जति से ण तत्य दिव्वाई भोगभोगाई मुंजमाणे विहरइ विहरिता ताओ देवलोगाओ आउक्खएण भवक्खएण ठिइक्खएण अणंतरं चयं चइत्ता पढमे सनिगम्भे जीवे पञ्चायाति, से ण तओहिंतो प्रणतर उपट्टित्ता मज्झिल्ले माणसे ससंजूहे देवे उवबज्जइ, से ण तत्थ दिन्चाई मोगभोगाईजाव विहरित्ता ताओ देवलोयाओ आउ०
जाव चइत्ता दोज्चे सन्निगन्भे जीवे पच्चायानि, से ण तोहितो अणंतर उबट्टित्ता हेहिल्ले माणसे संजूहे देवे उववज्जइ, से णं तत्थ दिवाइं जाव चइत्ता तच्चे सन्निगन्भे जीवे पच्चायाति, से णं तओहिंतो जाव उवट्टित्ता उवरिल्ले माणुमुत्तरे संजूहे देवे उववज्जिहिति, से णं तत्य दिव्वाइ भोग
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