Book Title: Shastra Sandeshmala Part 23
Author(s): Vinayrakshitvijay
Publisher: Shastra Sandesh Mala
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एगं च सयसहस्सं, तेवण्णं जोयणाण य सहस्सा । छच्च सया चउपण्णा, विसुद्धसेसं हवइ एवं नव चेव सहस्साई, छच्चेव सया तिउत्तरा होंति । सोलस भागा छच्चिय विजयाणं होइ विक्खंभो छस्सय चउपण्णहिया, तेवण्ण सहस्स सयसहस्सं च । विजयखित्तपमाणे, वणनइमेरूवणं छूढं
faras सहस्स लक्ख-त्तियं च जायं तु दीवओ सोहे । सेट्ठहिए भागे, वक्खारगिरीण विक्खंभो
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पंच सया लक्खतियं, अडनउइ सहस्स दीवओ सोहे । सेसस्स य छब्भागे, विक्खंभो अंतरनईणं
बायाला अट्ठ सया, चउसयरि सहस्स सयसहस्सं च । धायइविक्खंभाओ, सोहेउं मंदरवणं तु
चडवीसं ससिरविणो, नक्खत्तसया य तिण्णि छत्तीसा । एगं च गहसहस्सं, छप्पण्णं धायईसंडे
अट्ठेव सयसहस्सा, तिण्णि सहस्सा य सत्त य सयाओ । धायइसंडे दीवे, तारागणकोडिकोडीणं
धायइसंडे दीवा, खित्तसमासस्स तइय अहिगारो । गाहापरिमाणेणं, नायव्वो एमसीइओ
अट्ठेव सयसहरसा, कालोए चक्कवालओ रुंदो | जोयणसहस्समेगं, ओगाहेणं मुणेयव्वो
बारसहिय तिणि सया, अडसीइ सहस्स तिण्णि लक्खा य । दीवाओ सोहेउं, सेसद्धं वणमुहाणं तु
इगणउइ सयसहस्सा, हवंति तह सत्तरी सहस्सा य । छच्च सया पंचहिया, कालोयहिपरिरओ एसो
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