Book Title: Shastra Sandeshmala Part 23
Author(s): Vinayrakshitvijay
Publisher: Shastra Sandesh Mala
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ते जिणतणुबारगुणा, चेइअतरुणो वि नवरि वीरस्स। चेइअतरुवरि सालो, एगारसधणुहपरिमाणो अट्ठमभत्तम्मि कए, नाणमुसहमल्लिनेमिपासाणम् । वसुपुज्जस्स चउत्थे, सेसाणं छट्ठभत्ततवो नाणं उसहाईणं, पुव्वण्हे पच्छिमण्हेि वीरस्स । सव्वेसि पि अट्ठारस, न हुंति दोसा इमे ते अ पंचेव अंतराया, मिच्छत्तमनाणमविरई कामो । हासछग रागदोसा, निद्दा हारस इमे दोसा हिंसाइतिगं कीला, हासाईपंचगं चउकसाया। मयमच्छरअण्णाणा, निद्दा पिम्मं इअ च दोसा जम्मप्पभिई चउरो, जिणाण इक्कार घाइकम्मखओ। सुरविहिअइगुणवीसं, चउतीसं अइसया उ इमे सेअमलामयरहियं, देहं सुहगंधरूवसंजुत्तं । निव्विस्समबीभच्छं, गोखीरनिहं रुहिरमंसं न य आहारनिहारा, अइसयरहिआण जंति दिट्ठिपहे। सासो अ कमलगंधो, इअ जम्मा अइसया चउरो तिरिनरसुराण कोडाकोडीओ मिति जोयणमहीए। सव्वसभासाणुगया, वाणी भामंडलं पिट्टे रुयवइरईइमारी, डमरदुभिक्खं अवुट्टिअइबुट्ठी। जोयणसए सवाए, न हुंति इअ कम्मखयजणिया पायारतिगमसोगो-सीहासणधम्मचक्कचउरूवा। छच्चत्तयचमरदुंदुहि-रयणझया कणयपउमाई पणवण्णकुसुमवुट्ठी, सुगंधजलवुट्टि वाउ अणुकूलो। छ रिउ पण इंदियत्था-णुकूलया दाहिणा सउणा
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