Book Title: Shastra Sandeshmala Part 23
Author(s): Vinayrakshitvijay
Publisher: Shastra Sandesh Mala
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॥ ३०२॥
॥३०३॥
॥३०४॥
इगवीसं चउपण्णा, सनवसया सड्डसत्त सड्ढदुगं । तो सत्तसया सयरी, दुचत्तवासाणि वयकालो सव्वाउ चुलसि १ बिसयरि २सट्ठि ३ पण्णा ४ चत्त ५ तीस ६ वीस ७ दस ८ । दो ९ एगपुव्व लख्खा १०, सम चुलसी ११ बिसयरी १२ सट्ठी १३ तीस १४ दस १५ एग लख्खा १६, वरिसाणं सहस पण नवइ १७ चुलसी १८ । पणपण्ण १९ तीस २० दस २१ इग २२सहसा वरिस सय २३ दुगसयरी २४ चुलसीइ वरिस लक्खा, पुव्वंगं तग्गुणं भवे पुव्वं । तं सयरिकोडिलख्खा, वरिसा छप्पनसहसकोडी पुव्वंगहयं पुव्वं, तुडियंगं वासकोडिकोडीओ। गुणसट्ठि लक्ख सगवी-ससहस चत्ता य रिसहाउं माहस्सकिण्हतेरसि, दोसुं सिअ चित्तपंचमी नेआ। वइसाहसुद्धअट्ठमि तहचित्तेसुद्धनवमी अ कसिणामग्गइगारसि, फग्गुण भद्दवय सत्तमी किण्हा । भद्दवयसुद्धनवमी, वइसाहे बहुलबीया अ कसिणा सावण तइया, आसाढे तहय चउदसी सुद्धा। आसाढ कसिणसत्तमि सिअपंचमिचित्तजिटेसु जिटेकसिणातेरसि वइसाहेपडिव मग्गसिअदसमी । फग्गुणसुद्ध दुवालसि किण्हा नवमी अ जिट्ठस्स वइसाहअसिअ दसमी, आसाढे सावणेऽट्ठमी सुद्धा। कत्तियमावसि सिवमासमाइ भणिआ जिणिदाणं
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