Book Title: Shastra Sandeshmala Part 23
Author(s): Vinayrakshitvijay
Publisher: Shastra Sandesh Mala
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उसभस्स पुरिमताले वीरस्स जुवालीयानईतीरे। सेसाण केवलाई जेसुज्जाणेसु पव्वईया
॥ २९ ॥ अट्ठमभत्तम्मि य पासो सह मल्ली रिटुनेमीणं च। वसुपुज्जस्स चउत्थेणं छट्ठभत्तेणं सेसाणं
॥३०॥ चुलसीइं च सहसा(स्सा) एगं च दुवे य तिण्णि लक्खाई। तिण्णि य वीसहियाइं तीसहियाइं च तिण्णेव ॥ ३१ ॥ तिण्णि य अढा(ड्ढा)इज्जा दुवे य एगं च सयसहसा(स्सा)इं। चुलसीइं च सहसा(स्सा) बिसत्तरं अट्ठसट्टि च
॥३२॥ छावट्टि चउसद्धिं बावट्टि सर्ट्सि मे(चे)व पण्णासं । चत्ता तीसा वीसा अट्ठारस सोलसहसा य चउद्दसयसहसाइं जिणाण जईसीससंग्गहपमाणं । अज्जीसंग्गहमाणं उसभाईण अओ वुच्छं
॥३४॥ तिण्णेव य लक्खाई तिण्णि य तीसाई तिण्णि छत्तीसा। तीसा य छच्च पंच य तीसा चउरो य वीसाइं ॥ ३५ ॥ चत्तारि य तीसाइं तिण्णि य असीयाई तिण्हमत्तो य। . वीसुत्तर छलहियं तिसहसहियं च लक्खं च
॥ ३६॥ लक्खं अट्ठसयाणि य बावट्ठीसहस चउसय समग्गा । एगट्ठी छच्चसया सट्ठिसहसा सया छच्च
॥ ३७॥ सट्ठि पणपण्ण पण्णे गं चत्तचत्ता तह य अट्ठतीसं च। छत्तीसं च सहसा अज्जाणं संग्गहो एसो
॥ ३८ ॥ चउयालीसं लक्खा बायालसहस चउसय समग्गा । छच्चेव अज्जियाओ अज्जाणं संग्गहो एसो
।। ३९ ॥ चुलसीइ पंचनउई बिउत्तरं सोलसुत्तर सयं च । सत्तहियं पणनउई तेणउई अट्ठसीई य
॥ ४० ॥
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