Book Title: Shastra Sandeshmala Part 23
Author(s): Vinayrakshitvijay
Publisher: Shastra Sandesh Mala

View full book text
Previous | Next

Page 402
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir उसभस्स पुरिमताले वीरस्स जुवालीयानईतीरे। सेसाण केवलाई जेसुज्जाणेसु पव्वईया ॥ २९ ॥ अट्ठमभत्तम्मि य पासो सह मल्ली रिटुनेमीणं च। वसुपुज्जस्स चउत्थेणं छट्ठभत्तेणं सेसाणं ॥३०॥ चुलसीइं च सहसा(स्सा) एगं च दुवे य तिण्णि लक्खाई। तिण्णि य वीसहियाइं तीसहियाइं च तिण्णेव ॥ ३१ ॥ तिण्णि य अढा(ड्ढा)इज्जा दुवे य एगं च सयसहसा(स्सा)इं। चुलसीइं च सहसा(स्सा) बिसत्तरं अट्ठसट्टि च ॥३२॥ छावट्टि चउसद्धिं बावट्टि सर्ट्सि मे(चे)व पण्णासं । चत्ता तीसा वीसा अट्ठारस सोलसहसा य चउद्दसयसहसाइं जिणाण जईसीससंग्गहपमाणं । अज्जीसंग्गहमाणं उसभाईण अओ वुच्छं ॥३४॥ तिण्णेव य लक्खाई तिण्णि य तीसाई तिण्णि छत्तीसा। तीसा य छच्च पंच य तीसा चउरो य वीसाइं ॥ ३५ ॥ चत्तारि य तीसाइं तिण्णि य असीयाई तिण्हमत्तो य। . वीसुत्तर छलहियं तिसहसहियं च लक्खं च ॥ ३६॥ लक्खं अट्ठसयाणि य बावट्ठीसहस चउसय समग्गा । एगट्ठी छच्चसया सट्ठिसहसा सया छच्च ॥ ३७॥ सट्ठि पणपण्ण पण्णे गं चत्तचत्ता तह य अट्ठतीसं च। छत्तीसं च सहसा अज्जाणं संग्गहो एसो ॥ ३८ ॥ चउयालीसं लक्खा बायालसहस चउसय समग्गा । छच्चेव अज्जियाओ अज्जाणं संग्गहो एसो ।। ३९ ॥ चुलसीइ पंचनउई बिउत्तरं सोलसुत्तर सयं च । सत्तहियं पणनउई तेणउई अट्ठसीई य ॥ ४० ॥ ૩૫ For Private And Personal Use Only

Loading...

Page Navigation
1 ... 400 401 402 403 404 405 406 407 408 409 410 411 412 413 414 415 416 417 418 419 420 421 422 423 424 425 426 427 428 429 430