Book Title: Shastra Sandeshmala Part 23
Author(s): Vinayrakshitvijay
Publisher: Shastra Sandesh Mala
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चउवीसजिणवराणं पढमसीसा य उसभसेणो य । बीओ य सीहसेो चारू पुण वज्र (ज्ज) नाभो य चमरो सुव्वय छट्टो विदब्भ दिण्णो वराह आणंदो । गोत्थूभ सुहम मंदिर जसो रिट्ठो य पंचदसओ चक्काऽऽउह सयंभू कुंभो भिसओ य इंदकुंभो य । वरदत्त अज्जदिण्णो चरमस्स य इंदभूई य चवीस जणवराणं पढमा सिसिणी अहाणुपुव्वीए । भी फग्गू सामा अइराणी कासवी रईया सोमा सुमणा वारुणी सुलसा धारणी भवे य धरणी य । धरणिधरा तेरसमा पउमा य सिवा सूई अज्जू भावियप्पा रक्खिय बंधू पुप्फवई होई वीसइमो । अज्जा धणिला जक्खिणि पुप्फचूलाओ चंदणया नाम गाम नक्खत्ता पिउ गुत्त मगार छउमत्थ । परियाओ केवलीयाओ आगम परिनिव्वाण तवो कमेणं ॥ ८३ ॥ सिविद्धमाणगणा इंद अग्गी वाउभूई तीओ य । होइ वियत्तो सुमो मंडिय मोरिय भवे पुत्ता
॥ ८१ ॥
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मगहा गोबरग्रा (ग्गा) मे जाया तिण्णेव गोयमसगुत्ता । कुल्लागसण्णिवेसे जाओ वियत्तो सुमो (म्मो) य मोरीयसण्णिवेसे दो भायरो मंडियमोरिया जाया । अचलो य कोसलाए मिहिलाए अकंपिओ जाओ तुंगी सण्णिवेसो (से) मेयज्जो वच्छभूमीए जाओ । भयवं पि (य) प्पभासो रायगिहे गणहरो जाओ
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अमओ अकंपिओ पिय नवमो भवे तह अचलभाया य । मेयज्जो य पहासो गणहरा हुति वीरस्स
॥ ७७ ॥
।। ७८ ।।
॥ ७९ ॥
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॥ ८२ ॥
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॥ ८६ ॥
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