Book Title: Shastra Sandeshmala Part 23
Author(s): Vinayrakshitvijay
Publisher: Shastra Sandesh Mala
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निव्वाणं संपत्तो चउदसभत्तेण पढमजिणचंदो । सेसा उ मासिएणं वीरजिगिंदो य छट्टेणं एगागी वीरजिणो तित्तीसमुणीहि संजुओ पासो । पंचहि सएहिं छत्तीसएहि नेमी गओ सिद्धि मल्लिसुपासा पंचहि सएहिं छहि वासुपुज्जजिणचंदो । अहिं सहि धम्मो तिउत्तरेहिं च पउमाभो नवहि सएहि संती छहिं सहस्सेहिं परिव्वुडो विमलो। उस दस सत्तणंतो सेसा उ सहस्सपरिवारा इय इक्कवीसठाणा उद्धरीय सिद्धसेणसूरीहिं । चवीसजिणवराणं असेससाहारणा भणिया
पू.मु. श्री उत्तमऋषि विरचितम् ॥ शतपञ्चाशितिका संग्रहणी ॥
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उसभ अजिओ संभव अभिनंदण सुमई सुप्पभसुपासो । ससि पुप्फदंत सीयल सिज्जंसो वासुपुज्जो य विमल मणंत य धम्मो, संती कुंथु अरो य मल्ली य । मुणिसुव्वय नमि नेमी, पासो तह वद्धमाणो य इखागभूमि ओज्जा सावत्थी विणीय कोसलपुरं च । कोसंब वाणारसी चंद्राणण तह य कायंदी
भद्दिलपुरं सीहपुरं चंपा कंपिल्ल अज्ज रयणपुरं । तिण्णेव गयपुरम्मि मिहिला तह चेव रायगिहं
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