Book Title: Shastra Sandeshmala Part 23
Author(s): Vinayrakshitvijay
Publisher: Shastra Sandesh Mala

View full book text
Previous | Next

Page 374
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir दो चउ दस खमणेहि, निरंतरं भद्दमाइपडिमतिगं । दुसयगुणतीस छट्ठा, पारणया तिसयगुणवण्णा ॥ १७७ ॥ वीरु १ सहाण २ पमाओ, अंतमुहुत्तं तहेव होरत्तं । उवसग्गा पासस्स य, वीरस्स य न उण सेसाणं ॥१७८ ॥ फग्गुणिगारसि किण्हा, सुद्धा एगारसी अ पोसस्स। कत्तियबहुला पंचमि, पोसस्स चउद्दसी धवला ॥ १७९ ॥ चित्ते गारसि पुण्णिम, तह फग्गुणकिण्हछट्ठिसत्तमिआ। सुद्धा कत्तिअतइआ, पोसम्मि चउद्दसी बहुला ॥१८० ॥ माहेऽमावसि सिअबिअ, पोसे मासम्मि धवलछट्ठी अ। वइसाहसामचउदसि, पोसे पुण्णिम नवमि सुद्धा ॥१८१ ॥ सिअचित्ततइअ कत्तिअ,-बारसि एगारसि अ मग्गसिरे । फग्गुणवारसि सामा, मग्गम्मि इगारसी विमला ॥१८२ ।। आसोअमावसी चित्तबहुल, चउत्थि विसाहसिअदसमी। केवलमासाइ इमे, भणिया पुव्वं व उडुरासी ॥ १८३ ॥ वीरोसहनेमीणं, जंभिअबहि पुरिमताल उजिंते । केवलनाणुप्पत्ती, सेसाणं जम्मठाणेसु ॥ १८४॥ उसहस्स य सगडमुहे, उजुवालिअनइतडम्मि वीरस्स । सेसजिणाणं नाणं, उप्पण्णं पुण वयवणेसु ॥१८५ ॥ नग्गोह १ सत्तवण्णो २, साल ३ पिआलो ४ पियंगु ५ छत्ताहे ६ । सिरिसो ७ नागो ८ मल्ली ९, पिलुंख १० तिदुयग ११ पाडलया १२ जंबू १३ असत्थ १४ दहिवण्ण १५ नंदि १६ तिलगा य १७ अंबग १८ असोगो १९ । चंपग २० बउलो २१ वेडस २२ धाइअ २३ सालो अ २४ नाणतरू ॥ १८७॥ 35७ For Private And Personal Use Only

Loading...

Page Navigation
1 ... 372 373 374 375 376 377 378 379 380 381 382 383 384 385 386 387 388 389 390 391 392 393 394 395 396 397 398 399 400 401 402 403 404 405 406 407 408 409 410 411 412 413 414 415 416 417 418 419 420 421 422 423 424 425 426 427 428 429 430