Book Title: Shastra Sandesh Mala Part 15
Author(s): Vinayrakshitvijay
Publisher: Shastra Sandesh Mala
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________________ तेसीतसतविभत्ते जं लद्धा छ च्च [चर]मुहुत्ता उ / जं लद्धं सा वड्डी छेओ दिवसस्स विण्णेओ / // 327 // आदिच्चेण तु मासेण वड्डते हीयते व मासस्स / एक्को चेव मुहत्तो पविसंते णिक्खमंते य // 328 // अब्भंतरम्मतिगते आदिच्चे हवति बारसमुहत्ता / . रयणी, अध दिवसो पुण, अट्ठारसमो मुणेयव्वो . // 329 // बाहिरतो णिक्खमंते आदिच्चे हवति बारसमुहत्तो / दिवसो, अध रत्ती पुण होति उ अट्ठारसमुहुत्ता // 330 // पव्वं पण्णरसगुणं तिधिसंखित्तं बिसट्ठिभागणं / / . तेसीतसतेण भजे जं सेसं तं विजाणाहि // 331 // तं बिगुणमेगसट्ठीय भाजितं जं भवे तहिं लद्धं / तं दक्खिणम्मि अयणे दिवसा सोधे, खिवे रति // 332 // तं चेव य अयणे उत्तरम्मि दिवसम्मि होति पक्खेवो / रत्तीओ वोसढे जाणसु रातिदियपमाणं . // 333 // रातिदियप्पमाणं एतं भणितं तु करणविधिदिटुं / अवमास पुण्णमासिं एत्तो वोच्छं समासेणं // 334 // बावट्ठी अवमासा जुगम्मि, बावट्ठि पुण्णिमाओ वि / णक्खत्तखेत्तवेलाण तिण्णि ताणि प्पमाणाणि // 335 // णातुमिह अमावासं जदि इच्छति, कम्हि होति रिक्खे ? त्ति / अवहारं थावेज्जा तत्तियरूवेहिं संगुणए // 336 // छावट्ठी य मुहुत्ता बिसट्ठिभागा य पंच पडिपुण्णा / . बावट्ठिभागसत्तट्ठिमो य एक्को हवति भाओ // 337 // एतमवहाररासि इच्छाअवमाससंगुणं कुज्जा। णक्खत्ताणं एत्तो सोधणगविधि णिसामेहि // 338 // 284
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