Book Title: Shastra Sandesh Mala Part 15
Author(s): Vinayrakshitvijay
Publisher: Shastra Sandesh Mala

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Page 333
________________ // 72 // // 73 // // 74 // // 5 // वडावं // 76 // // 77 // तह पुव्वकोडि परउ इगविगलिंदी न बंधए आउं। आउचउ परमबंधो पल्लासंखंसममणेसु दसणचउ विग्घावरण लोहसंजलण हस्स ठिइबंधो / अंतमुहत्तं ते अट्ठजसुच्चे (जसउच्चे) बारस य साए दो मासा अद्धद्धं संजलणतिगे पुमं? वरिसाणि / सेसाणुक्कोसाउ मिच्छत्तठिईइ जं लद्धं एसेगिदिय जिट्ठो पलियासंखसहीणलहुबंधो। पणुवीसं पन्नासा सयं सहस्सं च गुणकारो कमसो विगलअसन्नीण पल्लसंखंसऊणओ डहरो। सुरनिरयाउ समा दससहस्स सेसाउ खुड्डभवं सहसगुणेगिदिठिई विउव्विछक्के जओ असंनिसु तं / केसिंचि सुराउसमं तित्थं आहारगंतमुहु भिन्नमुहुत्तमबाहा सव्वासि सव्वहिं डहरबंधे / आउसु जिढे वि जओ संखेप्पद्धा भवे तेसुं खुड्डभवा साहीया सत्तरस हवंति एगपाणुम्मि। . पाणू एगमुहुत्ते तिसत्तरा सत्ततीससया पणसट्ठिसहस पणसय छत्तीसा इगमुहुत्त खुड्डुभवा / दो य सया छप्पन्ना आवलियाणेगखुड्डुभवे अयरंतकोडाकोडिउ अहिंगो सासाणाइसु न बंधो। हीणो ण अपुव्वंतेसु णेव य अभव्वसन्निम्मि अमणुक्कोसाउ विरयउक्कोसो देसविरयहस्सियरो। सम्म चउ सन्नि चउरो ठिइबंधाणुकमसंखगुणा सव्वाण वि पयडीणं उक्कोसं सन्निणो कुणंति ठिई। एगिदिया जहन्नं असन्निखवगा य काणं पि // 78 // . // 79 // // 8 // // 81 / / // 82 // // 83 //

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