Book Title: Shastra Sandesh Mala Part 15
Author(s): Vinayrakshitvijay
Publisher: Shastra Sandesh Mala

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Page 334
________________ // 84 // // 85 // // 86 // // 87 // // 88 // // 89 // सव्वाणुक्कोसठिई असुभा सा जमइसंकिलेसेणं / इयरा उ विसोहीए सुरनरतिरियाउए मोत्तुं सुहुमनिगोयाइखणे जोगो थोवो तओ असंखगुणो। बायर बिय तियचउमणसनिअपज्जत्तगजहन्नो पढमदुगुक्कोसो सिं पज्जत्तजहन्नगेयरो अ कमा। असमत्ततसुक्कोसो पज्जत्त जहन्न जिट्ठो य एवं चिय ठिइठाणा अपज्जपज्जक्कमेण संखगुणा / नवरमसमत्तबिंदियइक्कपए ते असंखगुणा सव्वे वि अपज्जत्ता हुंति पइक्खणमसंखगुणविरिया। संखगुणूणा सुहमेसु बायरेसु य असंखगुणा ठिइबंधे ठिइबंधे अज्झवसाया असंखलोगसमा / कमसो विसेसअहिया सत्तसु आउसु असंखगुणा असुहाण संकिलेसेण होइ तिव्वो सुहाण सोहीए। अणुभागो मंदो पुण विवज्जए सव्वपयडीणं सतरस पयडी संजलण विग्घ पुंदेसघाइआवरणा / चउट्ठाणरसपरिणया दुतिचउठाणा उ सेसा उ पव्वयभूमीवालुयजलरेहासरिससंपराएहि / चउठाणाइ असुहाण वच्चयाओ सुहाणं तु . घोसाडइनिंबुवमो असुभाण सुभाण खीरखंडुवंमो / एगट्ठाणो उ रसो अणंतगुणिया कमेणियरे निंबुच्छरसाईणं दुतिचउभागा पुढो कढिज्जंता / किल इक्कभागसेसा दुतिचउठाणा रसा कमसो इगदुगअणुगाइ जा अभव्वणंतगुणसिद्धणंतभागाणू / खंधा उरलु च्चिय वग्गणाउ तह अगहणंतरिया // 90 // // 91 // // 92 // // 93 // // 94 // // 95 // .. .. 325

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