Book Title: Shastra Sandesh Mala Part 15
Author(s): Vinayrakshitvijay
Publisher: Shastra Sandesh Mala

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Page 335
________________ कमसो विउव्विआहारतेअभासाणपाणमणकम्मे। इय वग्गणाऽवगाहो ऊणूणंगुलअसंखंसो // 96 // एगुत्तरा अभव्वाणंतगुणा अंतरेसु अग्गहणा। सव्वहिं जुग्गजहन्ना नियणंतसाहिया जिट्ठा // 97 // जोगणुरूवं गिण्हिय सु च्चिय दलियं जिओ परिणमेइ। भासाणापाणुमणोचियं च अवलंबए दव्वं * // 98 // अप्पयरपयडिबंधी, उक्कडजोगी अ सन्नि पज्जत्तो। कुणइ पएसुक्कोसं, जहन्नयं तस्स वच्चासे, . // 99 // गहियदलियस्स भागो बहु ठिइकम्मेसु होइ कमवुड्डो / वेयणिए सव्वोवरि तस्स फुडत्तं न जेणप्पे // 100 // पयडीण सव्वघाईण होइ नियजाइदलअणंतंसो। बझंतीण विभज्जइ सेसं सेसाणमणुसमयं. // 101 // सम्मत्त देस संपुनविरइउप्पत्ति अणविसंजोए / दसणखवए मोहस्स समग उवसंत खवगे य // 102 // खीणाइतिसु य संखगुणूणूणंतोमुत्तकालाउ। . गुणसेढी इक्कारस कमादसंखगुणदलियाउ // 103 // गुणसेढी दलरयणाणुसमयमुदयादसंखगुणणाए / एयगुणा पुण कमसो असंखगुण निज्जरा जीवा // 104 // पलियासंखंतमुहू सासणइयरगुण अंतरं हस्सं / मिच्छस्स बे छसट्ठी इयरगुणे पुग्गलद्धंतो // 105 // दव्वे खित्ते काले भावे चउह दुह बायरो सुहुमो / होइ अणंतुस्सप्पिणिपरिमाणो पुग्गलपट्टो // 106 // चउतणुमणवइपाणतणेण परिणमिय मुयइ सव्वअणू। एगजिओ भवभमिरो जत्तियकालेण सो थूलो . // 107 // 32

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