Book Title: Shastra Sandesh Mala Part 15
Author(s): Vinayrakshitvijay
Publisher: Shastra Sandesh Mala

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Page 313
________________ अह देसणाणदंसणविगमे तुह केवलं मयं णाणं। ण मयं केवलदसणमिच्छामित्तं णणु तवेयं ... // 152 / / देसण्णाणाभावो जह य कसिणविसयलिंगलिंगित्ता। ... जुत्तं जिणम्मि एयं ण उ केवलदसणाभावो // 153 // अहवा ण चेव देसण्णाणाभावो जिणम्मि, किं कज्जं? / जाणाइ जिणवरिंदो तेसि विसए अपरिसेसे // 154 // तह वि य न पंचणाणी भण्णइ समयम्मि मा हु होज्जाहि। केवलणाणाकसिणप्पसंगदोसो जिणिदस्स. . // 155 / / . पुण्णे महातलाए णत्थि पभूतं (पुहत्तं) तदंतवत्तीणं / जह सेसतलागाणं जिणम्मि तह सेसणाणाई // 156 // अहवा जह संताण वि गहताराईण दिनकरब्भुदए / न हुत्तमेवमण्णण्णाणाणं केवलब्भुदए / // 157 // अहवा खओवसमियत्तणेण छउमत्थभाववत्तीणि / केवलणाणं खइयं जेण जिणे संभवो तस्स // 158 // केवलदंसणमेव (उ) छंउमत्थे णत्थि तं जओ खइयं / जइ तं णत्थि जिणम्मि वि तो कत्थ तयं गहेअव्वं? // 159 // छउमत्थम्मि जिणम्मि वि जं नत्थी सव्वहेव तं णत्थि। सिटुं चउविअप्पं च दंसणं सासणे बहुसो // 160 / / आह णउ सव्वसो च्चिय केवलिणो णत्थि दंसणं किंतु। णाणं ति दसणं ति अ एक्कं चिअ केवलं तस्स // 161 // जइ एगत्तं दोण्ह वि ता एगयरोवओगया जुत्ता / इयरा फुडमण्णत्तं पुणरुत्त निरत्थया वा वि // 162 // पत्तेयावरणत्तं कह वा बारसविहोवओगत्तं। .. सागाराणागारं सिद्धाण य लक्खणं कह णु? . // 163 // 304

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