Book Title: Shastra Sandesh Mala Part 15
Author(s): Vinayrakshitvijay
Publisher: Shastra Sandesh Mala
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________________ णाणम्मि दंसणम्मि य एत्तो एगतरयम्मि उवउत्ता। सव्वस्स केवलिस्सा जुगवं दो नत्थि उक्ओगा .. // 224 // सिद्धाण वि एगयरोवओगवत्तित्तणंति तइए से। पुव्वद्धेणं सिद्धं अत्थउ पच्छद्धमिह ताव // 225 // परवत्तव्वमिणंति य भणिज्ज एवं पि कोइ तं ण भवे / / पण्णत्तीऍ विसेसियमेयं जम्हा णियंठेसु // 226 // उवओगो एगयरो पणुवीसइमे सए सिणायस्स। भणिओ विअडत्थो वि य छठ्ठद्देसे विसेसेउं // 227 // पण्णवणाचरिमपए भणिओ सिद्धो वि सुद्धनाणीहिं। . सागारे उवउत्तो सिज्झइ जह तत्थ गंतूणं // 228 // अह भणसी सव्वं चिय सागारं से अओ अदोसो त्ति / तो सिद्धलक्खणं कह भणियं सागारणागारं ? // 229 // एवं फुडविअडम्मि वि सुत्ते सव्वण्णुभासिए सिद्धे।। कह तीरइ परतित्थियवत्तव्वमिणंति वोत्तुं जे? // 230 // सव्वत्थ सुत्तमत्थि य फुडमेगयरोवउत्तसत्ताणं / उभओवउत्तसत्ता सुत्ते वुत्ता ण कत्थइ वि // 231 // . कस्सइ वि णाम कत्थइ कालं जइ होज्ज दो वि उवओगा। उभओवउत्तसुत्ताण सुत्तमेगं पि ता होज्जा // 232 // दुविहाणं चिय जीवाण भणियमप्पबहुयं ससमयम्मि / सागारणगाराण य न भणियमुभओवउत्ताणं // 233 // . जइ केवलीण जुगवं उवओगो होज्ज तो (भवे) एवं। . सागारणगाराण य मीसाण य तिण्हमप्पबहुं // 234 // अहवा मइ छउमत्थे पडुच्च सुत्तं ण णाम केवलिणो। तं पि ण जुज्जइ जं सव्वसत्तसंखाहिगारोऽयं // 235 // 310
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