Book Title: Shastra Sandesh Mala Part 15
Author(s): Vinayrakshitvijay
Publisher: Shastra Sandesh Mala
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________________ तुल्ले उभयावरणक्खयम्मि पुव्वयरमुब्भवो कस्स? / दुविहुवओगाभावे जिणस्स जुगवंति चोएइ // 212 // भण्णइ ण एस णियमो जुगवुप्पण्णेसु जुगमेवेह / होयव्वं उवओगेण एत्थ सुण ताव दिटुंतं // 213 // जह जुगवुप्पत्तीइ वि सुत्ते सम्मत्तमइसुयाईणं / पत्थि जुगवोवओगो सव्वेसु तहेव केवलिणो // 214 // भणियं पि य पन्नत्तिपण्णवणाईसु जह जिणो समयं / जं जाणइ ण वि पासइ तं अणुरयणप्पभाईणि // 215 // इवसद्दमतुप्पच्चयलोवा तं बिति केइ छउमत्थो / अण्णे पुण परतित्थियवत्तव्वमिणं पि जंपंति // 216 // जं छउमत्थाऽऽहोहियपरमावहिणो विसेसिङ कमओ। णिद्दिसइ केवलित्तेण तस्स छउमत्थया नस्थि // 217 // ण य पासइ अणुमण्णो छउमत्थो मोत्तु ओहिसंपुण्णं / तत्थ वि जो परमावहिणाणी तत्तो वि किं नूणो? // 218 // ते दो वि विसेसेउं अण्णो छउमत्थकेवली को सो।। जो पासइ परमाणुं गहणमिहं जस्स होज्जाहि? . // 219 // तेसि चिय छउमत्थाइयाण मग्गिज्जए जहिं सुत्ते / केवलसंजमसंवरबंभाईएहि निव्वाणं / // 220 // तिण्णि वि पडिसेहेडं तीसु वि कालेसु केवली तत्थ / ' सिझिंसु सिज्झई या सिज्झिस्सइ या वि णिहिट्ठा // 221 // एवं विसेसियम्मि वि परमयमेंगन्तरोवओगो त्ति। ण पुण जुगवोवओगे परवत्तव्व त्ति का बुद्धी? // 222 // अण्णं च इमा गाहा समए सीद्धाहिगारपरिपढिया। फुडविअडत्थं साहइ जिणस्स एगंतरुवओगं // 223 // 306
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