Book Title: Shastra Sandesh Mala Part 15
Author(s): Vinayrakshitvijay
Publisher: Shastra Sandesh Mala

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Page 328
________________ गइयाईण य कमसो चउ पण पण ति पण पंच छ च्छक्कं। पण दुग पण अट्ठ चउ दुग मिय उत्तरभेय पणसट्ठी // 12 // निरयतिरिनरसुरगई इगबियतिचउरपणिदिजाईओ। ओरालियवेउब्वियआहारगतेयकम्मइगा // 13 // पढमतितणूणुवंगा बंधनसंघायणा य तणुनाम / सुत्ते सत्तिविसेसो, संघयणमिहट्ठिनिचउ त्ति // 14 // छद्धा संघयणं वज्जरिसहनाराय वज्जनारायं / नाराय मद्धनाराय कीलिया तहय छेवटुं // 15 // समचतुरंसं निग्गोह साइ खुज्जाणि वामणं हुंडं। संठाणा वण्णा किण्हनीललोहियहलिद्दसिया // 16 // सुरभिदुरभी रस पण तित्त कडुकसायअंबिला महुरो / . फासा गुरुलहुमिउखरसीउण्ह सिणिद्धरुक्खट्ठा // 17 // चउह गइव्वणुपुवी दुविहा य सुहासुहा य विहगगई। गइअणुपुव्वी दुगं तिगं तु तं चिंय नियाउजुयं // 18 // इय तेणउइ संते बंधणपन्नरसगेण तिसयं वा। वण्णाइभेयबंधणसंघाय विणा उ सत्तट्ठी // 19 // सा बंधुदए बंधणसंघाया नियतणुग्गहणग्गहिया / वण्णाइविगप्पा वि हु नय बंधे सम्ममीसाइं . // 20 // वेउव्वाहारोरालियाण सगतेयकम्मजुत्ताण। * नव बंधणाणि इयरदुसहियाणं तिन्नि तेसिं च // 21 // निलकसिणं दुगंधं तित्तं कटुअं गुरुं खरं रुक्खं / सीअं च असुभनवग इक्कारसगं सुभं सेसं // 22 // धुवबंधोदय सत्ता सव्वेयरघाइ सुभ अपरिअत्ता / छद्धा वि सपडिवक्खा चउह विवागा य पयडीओ // 23 // 319

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