Book Title: Shastra Sandesh Mala Part 15
Author(s): Vinayrakshitvijay
Publisher: Shastra Sandesh Mala
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________________ होऊणं देवकया चउतीसाइसयबाहिरा कीस। पगारंबुरुहाइ अणण्णसरिसा वि लोगम्मि // 104 // चोत्तीसं किर णियया ते गहिआ सेसया अणियय त्ति। सुत्तम्मि ण संगहिआ जह लद्धीओ विसेसाओ // 105 / / वट्टच्छेदो कइवयदिवसे धुवराहुणो विमाणस्स। दीसइ परं न दीसइ जह गहणे पव्वराहुस्स // 106 // अच्चत्थेण हि तमसा भिभूय तेज ससी विसुझंतो। तेण ण वट्टच्छेओ गहणे उ तमो उ तमबहुलो // 10 // अद्धकविट्ठागारा उदयत्थमणम्मि किं न दीसंति। . ससिसूराण विमाणा तिरिअक्खेत्तट्ठियाणं पि? // 108 // उत्ताणद्धकविटुं पेढं किर तदेवरिं च पासाओ। वट्टालेहेण तओ समवढे दूरभावाओ' // 109 // तिरिअट्ठिओ मयंको राहुविमाणोवरि ट्ठिओ कहणु / उवर खंडो दीसइ हेट्ठा खंडो कहं ण भवे? .. // 110 // आईइ कालपक्खस्स उवरिमारद्धमक्कमइ चंदं / जं तेण णज्जइ फुडं हेट्ठा राहू न चंदस्स // 111 // हेट्ठा तमसो सूरो जं किर पुव्वावरि ट्ठिओ सोमं / भासइ य तेण दीसइ उवरि खंडो दुपक्खे वि // 112 // चउरंगुलमप्पत्तं देसूणं जोअणं तयद्धेण / कह राहुविमाणेणं ससिणो छाइज्जइ विमाणं ? // 113 // सव्वे गहणक्खत्ता रविससिमज्झम्मि अह य गहणम्मि।. वच्चइ राहुविमाणं सूरविमाणस्स हेतुणं // 114 // जं गहविमाणमाणं रविससिमज्झम्मि जं च गहभगणो। उस्सग्गविहिअमेत्तं सुअम्मि तमसोऽपवाओ अ . // 115 // 300
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