Book Title: Shalopayogi Jain Prashnottara 01
Author(s): Dharshi Gulabchand Sanghani
Publisher: Kamdar Zaverchand Jadhavji Ajmer

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Page 6
________________ (२) अध्यापक व वर्तमान में "कॉन्फरन्स प्रकाश" नामके माप्ताहिक पत्रके सवएडीटर मी० झवेरचंद जादवजी कामदारने "शालोपयोगी जैन प्रश्नोत्तर" नामा छोटीसी मगर अति उपयोगी पुस्तक गुजराती भाषामें प्रगट की थी, जो लोगों में अति प्रिय हो जानेके कारण हिंदके हिन्दी जानने वालों स्वधर्मियों के हितार्थ इसका हिंन्ही अनुवाद करनेकी उत्कंठा मेरे हृदयमें हुइ थी जिसको आज परिपूर्ण होती हुई देख कर मेरेको बहुत खुसी होती है. - मैंने हिन्दी भापाका अभ्यास नहीं किया है परंतु हिन्दी भाषा जानने वाले स्वधर्मियों के समागमसे कुछ अनुभव हिन्दी भाषाका हुवा है अतएव भापाके पूर्ण ज्ञानके अभावसे अनुवादमें बहुन बूटियां रह गई होंगी उनको पाठक गण क्षमा करेंगे ऐसी विनति है. यदि प्रसं. गोपात इन बेटिगोंको पाठकगण लिखकर भिजवाने की कृपा करेंगे तो दूसरी आवृत्तिमें इनको दूर करनेका साभार प्रयत्न किया जावेगा. अनुवादक: डॉ. धारशी गुलाबचंद संघाणी H. L M.S,

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