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होती हैं, वुद्धि क्षीण होती है, और मरकर दुर्गति में उत्पन्न होना पड़ता है. इस संसार : में भी मदिरा पान करने वाले निंदनीय गिने जाते हैं और उनके वचनों पर किसी को विश्वास नहीं होता हैं.
( ६ ) प्रश्न: कंदमूल खाने से क्या हानि होती है ? उत्तरः कंदभूल के एक छोटे से टुकड़े में अनन्त
एकेन्द्रिय स्थावर जीव हैं उनकी हिंसा होती हैं और कंदमूल खाने से प्रायः तमोगुण ( तामसी स्वभाव ) उत्पन्न होत हैं.
(७) प्रश्न: कंदमूल किसे कहते हैं ?
उत्तरः वनस्पति का जो भाग जमीन के अन्दर ही उत्पन्न होकर वृद्धि को प्राप्त हो व जमीन के भीतर ही उसकी गांठ या कंद बने उसको कंद व पेड़ की जड़ को मूल कहते हैं. ( = ) प्रश्न: उदाहरणार्थ २-४ कंदमूल के नाम बतलावो? उत्तरः लहसन, प्याज, श्रादा, मूली, गरमर, गाजर सुरण, आलू. चेक आदि.
( 2 ) प्रश्न: मधु (शहत) खाने से किस तरह से पाप होता है? उत्तर: मंधु में हर हमेश दो इन्द्रिय जीव रहते हैं. और मधु पुडा में रहे हुवे कई जीव व अंडा का सत्व मधु में आजाता है. अलावा बहुत ही महनत से तैयार किया हुवा घर वं संग्रह कर रखा हुत्रा खुराक मक्खियों से लूट कर लेना यह बड़ा अनर्थ है. मधु