Book Title: Shalopayogi Jain Prashnottara 01
Author(s): Dharshi Gulabchand Sanghani
Publisher: Kamdar Zaverchand Jadhavji Ajmer

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Page 70
________________ ( ६० ) (२०) मनः स्थलचर किसे कहते हैं ? उत्तर: जो तिर्यंच पंचेंद्रिय जमीन पर चले व प्रायः जमीन पर ही रहें उनको स्थलचर कहते हैं. (२१) प्रश्नः स्थलचर तिर्यंच पंचेंद्रिय कितने प्रकार के हैं ? उत्तरः चार प्रकार के हैं. १. एक खुरा २ दो खुरा ३ गंडीया और ४ सयपया. . (२२) प्रश्न: एक खरा किसे कहते हैं ? उत्तरः जिनके पांव में एक ही खुर होता है उनको जैसे घोड़ा खर आदि. (२३) प्रश्न: दो खुरा किसे कहते हैं ? उत्तरः जिनके पैर में दो खुर होते हैं उनको जैसे गाय, भैंस, बकरे आदि. (२४) प्रश्न: गंडीपया किसे कहते हैं ? उत्तरः जिसके पैर की तली सुनार की एरण के मा: फिक चपटी होती हैं उनकों जैसे हाथी, गंडा, ऊंट, आदि. (२५) प्रश्न: सपना किसे कहते हैं ? उत्तरः नख वाले जीव जैसे सिंह, चित्ते, कुत्ते, बिल्ली आदि. (२६) प्रश्न: उरपर किसे कहते हैं ! उत्तरः पेट के जोर से चलने वाले जीव यानि सर्प की जात वाले को उरपर कहते हैं. (२७) प्रश्न: उपर के कितने भेद हैं ?.

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