Book Title: Shaddravya ki Avashyakata va Siddhi aur Jain Sahitya ka Mahattva
Author(s): Mathuradas Pt, Ajit Kumar, Others
Publisher: Mulchand Kisandas Kapadia
View full book text
________________
"जिस प्रकारका कारण होता हैं कार्य भी उससे वैसा ही होता है । अर्थात उपादान कारण जिप्स जातिका होगा कार्य भी. उससे उसी जातिका उत्पन्न होगा । जैसे मनुष्यसे मनुः ज्य ही उत्पन्न होता है और घोड़ेसे घोडेकी ही उत्पति होगी । तथैव चनेका वीन चनेका वृक्ष ही उत्पन्न करेगा और आमके पेड़पर आमका फल ही लगेगा उसपर केश कमी नहीं
लगेगा । क्योंकि उप्त फलंका कारण दूसरा ही है। इसलिये यह नियम बन गया कि चनेको ' चाहे जैसी भूमिमें बोदें और उसमें च.हे. जैसा ख़ाद दें किन्तु उससे गेहूं कमी नहीं होगा;
उससे चना ही होगा । आमके वृक्षार हनारों प्रयत्न करने पर मी केला उत्पन्न न हो सकेगा। ... इससे हमको यह सार मिल गया कि जिप्त जातिका कारण होगा कार्य मी उससे ___ उसी जातिका उत्पन्न होगा । अन्यथा नहीं । ... . : :: अब हम अपने प्रकरणपर आते हैं। जड़वादियोंका जो यह कहना है कि "शुइ धतूरे
आदिके मिलापसे जिस तरह शराब बन जाती है जोव मी उसी प्रकार पृथ्वी जलादिक चार भूनोंक : मिल मानेपर बन जाता है । यह कोई अलग नया पदार्थ नहीं हैं। आदि। इस विषयमें हमको । • प्रथम ही यह देखना है कि शराबमें नो मादक ( नशा ) शक्ति है वह उसके कारणोंमें :
है या नहीं है ? । क्योंकि उसके कारणों में ही यदि वह शक्ति होगी तवे तो कोई आ.. श्चर्यकी बात नहीं कि शराबसे बहुत गहरा नशा आता है क्योंकि यह नशा उसके कारणों में पहलेसे ही था । यदि उन कारणों में वह नशा नहीं होगा तो अवश्य ही एक आश्चर्यको बात ठहरेगी ।... . .. शराब बननेके उपादानकारण महुआ, धतूंग, गुड़ तथा एक मादक फलका चून आदिः
हैं। इन वस्तुओंको यदि प्रपा प्रथकू ही कोई मनुष्य खावे तो उसको थोड़ा बहुत अवश्य . • नशा आ जाता है । शिरकी पीडा, बुद्धिका बिगड़ जाना; स्वस्थ दशा न रहना ये सभी
बातें केवल एक एक पदार्थको मक्षण करनेसे ही होनाती है। यदि इन सबको मिलाकर 5 कोई पाक तयार किया जाय तब तो वह नशा और भी बढ़ जायगा क्योंकि वे सब एक । स्थानपर मिझ गये हैं। बस यही शराबकी हालत है । जो चीने प्रथक २: कम नशा लाती.. ..थी उन्होंको मिलाकर-शरान बना लेनेपर: उन वस्तुओं का मद तीत्र हो जाता है । और इसके
सिवाय और कोई नवीन बात नहीं होती है। इससे यह सिद्ध हो गया कि शराबके कार" ण ही मादक हैं, उसमें यदि मादक शक्ति आगई तो कोई आश्चर्य की बात नहीं क्योंकि नशीले कारणोंसे जो पदार्थ उत्पन्न होगा वह नशीला अवश्य होगा। अस्तु । .: इसलिये जड़वादियों द्वारा दिया हुआ मदिराका दृष्टान्त तो टुंद गया। कान प्रधान .. विषयपर प्रकाश डालते हैं |
पृथ्वी, जल, अग्नि और वायु इन चार भूतोंके द्वारा जीव उत्पन्न होता है। अर्थात्
..::::