Book Title: Sarv Tirtho Ki Vyavastha
Author(s): Shitalprasad Chhajed
Publisher: Shitalprasad Chhajed

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Page 14
________________ [ १२ ] प्रसिद्ध है तीर्थ बो छेद बराबर है बहां । २२ वें भ० के कल्या० २ च० ज० भएहैं सहरसे को० १ यमुनाको वोहडमें प्राचीन चरणको स्थापनाहै उसके पासमें नए चरन १ गुमटीमें स्थापना करे हैं सहर में डोगम्बरियोंका मंदिर है अपना कुछ नहीं है | यहांसे पोछा सकुराबाद आयके रेलमें गाजीयाबाद जाना । मो० १३७ मा० १y WOVOV ३१ गाजीयाबाद जंक्शन ष्टेशन उतरके दूसरौ रेलमें बैठना। यहांसे पंजाब लेनको रेल पर बैठके मेरट जाना । मौ० ३१ मा० ३२ मेरट ष्टेशन उतरना सहर है सवारी सब मिलती है यहांसे खुस की रस्ते सड़क के को० १६ हस्तिनापुर जाना वहां जंगल है जिनिस कुछ नहीं मिले हैं बजार रस्ते में गांव पड़ते हैं जिनिस वगैरा लेनेको १–३२ श्रीहस्तिनापुरजी तौर्थको शास्त्रमें गजपुरनगर कहते हैं यहां ध० मं० भ० का है कल्या० १२ तौन भ० के भएहैं प्राचीन | नौस- होये ३ जंगल में बनीहैं पहले उसकी पूजा करते थे । मं० भ० का नया बना है इस मुजब कल्या० भ० के भएहैं । वें भ० के कल्या० ४ च० ज० १६ दि० ज्ञा० भया है । १७ वें भ० के कल्या० ४ च० ज० दि० ज्ञा० भया है । १८ में भ० के कल्या० ४ च० ज० दि० ज्ञा० भया है । यहांसे पोछे मेरट आयके रेलमें पोछे दिल्लीजाना । मौ० ४४ मा ०1८) मेरटसे रेल पंजाबको गई है सहारनपुर अंबरसर लाहोरपटीयाला लोधीयाना काश्मीर वगैरा सहरोंको वहां भौ ध० मं० भ० के हैं । ३३ दिल्ली जंक्शन ष्टेशन उतरना सहर है ध० मं० भ० के ३ नाव घरा बेलपुरी में हैं यहांसे को ० ७ पुरानी दिल है वहां जाते रस्ते में को० ३ पै बगोचेमें ध० मं० छोटे दादेजीका है वहांसे को० ४ बड़े Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com

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