Book Title: Sarv Tirtho Ki Vyavastha
Author(s): Shitalprasad Chhajed
Publisher: Shitalprasad Chhajed

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Page 17
________________ [ १५ ] ४४ नागौर टेशन उतरना सहरहै ध० म० भ० के हैं ॥ यहांसे रेल पर बैठकर वोकानर जाना । मौ० ६८ मा० ।। ४५ वीकानेर टेशन उतरना सहर है ध० म० भ० के बहोत है। यहां से पोछा लैनौ आनके दूसरी रेल में वालोतरे जाना मो० २८१ २॥७॥ ४६ वालोतरा टेशन उतरना सहरहै ध० म० भ० के हैं यहांसे खुसको रस्ते जाना सवारी मिले हैं तथा रेल पंचभद्राको गई है आगे १-४६ यहांसे को० ३ श्रीनाकोडाजीका तीर्थ है २३ में भ० का मं० ध० है पीछे वालोतरे आना। २-४६ यहांसे जैसलमेर सहर को० ५० है ध० म० भ० के बहोत है ८ कौलेके भीतर ३ सहरके वाहर १ सहरमें बगीचे में दादेजीका स्थानहै पुस्तकों का प्राचीन भण्डारहै ऐसा कहीं नहीं है वजारमें चौत्रावेल है जमीनके भौतर यहांसे खुसको को०५ जाना सवारीजा हैं ३-४६ लोद्रुवागांव है जिनस सब मिले हैं ध० मं० २३ वें भ० का श्रौलोद्वाजौका तीर्थ प्रसिद्ध है यहांसे पौछे जैसलमेर आयकर वहांसे वालोतरे टेशन जाना ॥ यहांसे रेलपर बैठकर पौछा माडवाड जंक्शन पर आय कर रानी जाना। मो० १७८ मा० १ ... ४७ रानी टेशन उतरना वहांसे खुसको रस्तेसे छोटी पञ्चतीर्थको रस्ताहै बैलगाड़ी जाती है तथा यहांसे श्रीकेशरीयानाथजौकोबौ। १-४७ वरकानागांव को० २ है जिनिस सब मिलती है वहां ध० मं० २३ में भ० का वरकानेजी तीर्थ प्रसिद्धहै यहांसे नाडोल जाना २-४७ नाडोलगांव को० २ है सब जिनिस मिलतीहै वहां ध. म० भ० के नाडोलजी तौथ प्रसिद्धहै वहांसे रानकपुर जाना। ३-४७ रानकपुर ग्राम को० ३ है जिनिस सब मिले हैं ध• मं० Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com

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