Book Title: Sarv Tirtho Ki Vyavastha
Author(s): Shitalprasad Chhajed
Publisher: Shitalprasad Chhajed

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Page 15
________________ [ १३ ] दादेजीका स्थान चमत्कारौ है वहांसे पौछे दिल्ली जाना ॥ यहांसे राजपुताना रेल पर बैठकर अलवर जाना। मौ० ८८ मा० १) ३४ अलवर टेशन उतरना सहरहै ध० म० भ० काहै। यहांसे रेल पर बांदीकुंई होके जयपुर जाना। मौ० ३७ मा० ।) ३५ बांदीकुंई जंक्शन टेशनमें रेल बदली जाती है कभी नहीं बदलो जाती है आगरसे रेल भरतपुर होकर मिलौहै मौ० ५६मा०) २६ जयपुर टेशन उतरना वहां ध० बजारहै सहर यहांसे को. २ है ध० सांगानेर दरवाजे के पासहै म० भ० के घौडवालोको गलौमें वा बगीचे में वा दरवाजे बाहर वा दादे स्थान है यहांसे खुसको रस्ते आमेर को० ३ सांगानेर को० ३ है वहां ध० म० भ० के हैं। यहांसे रेल पर बैठकर कौसनगड़ जाना। मौ० ६६ मा० ॥) ३७ कोसनगड़ ष्टेशन उतरना यहांसे सहर दूरहै ध० म० भ० के चौकमें है। यहांसे रेलपर बैठकर अजमेर जाना। मौ० १८ मा०) ३८ अजमेर जंक्शन टेशन उतरना सहरहै ध० म० भ० के लाखनकोठड़ी वगैरा महले में हैं बगीचे में बड़े दादेजीका स्थान बनाहै वहां देवलोक भया था यहांसे रेलको लेन वहोत गैई है मालवा मेवात माडवाड वगैरे सहरोंमें ॥ यहांसेरेल पर खरचौया जंक्शन इसको माडवाड जंक्शनवी कहते हैं जाना। मौ० ८७ मा० ॥5) -air३८ माडमाड़ जंक्शन टेशन उतरना को० १ बैलगाडी जाना। १-३८ बोठुरा गांवमें ध० म० भ० काहै जिनिस मिले हैं। २-३८ वहां सम्बत् १८३८ मितौ श्रावन दूसरा सुदौ ११ को Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com

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