Book Title: Sarv Tirtho Ki Vyavastha
Author(s): Shitalprasad Chhajed
Publisher: Shitalprasad Chhajed

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Page 27
________________ [ २५ ] . ६८ वरोदा ष्टेशन उतरना सहरहै ध० म० भ० के १८ है यहांसे खुसको रस्ते बैलगाड़ी पर कोस ८ जाना। मौ० ४४ मा० ॥) १-६८ डवोही गांव है जिनिस मिले हैं ध० मं० २३ वें भ० लोडोजी का तीर्थ प्रसिद्ध है यहांसे पौछे वडोदे आना॥ रेलपर भरूवछ जाना ७० भरूवक टेशन उतरना सहर को० १ है ध० मं० भ० के हैं २० वें भ० का तीर्थ भगवानके नामसे प्रसिद्धहै मं० भ० का बिसाल बनाहै ॥ यहांसे रेलपर बैठकर सुरत जाना। मौ० ३७ मा - -* ------ ७१ सुरत टेशन उतरना सहर को० १ है गोपीपुरमें ध० म० भ०के हैं ओर मं० १०० भ०के पुरे पुरे में हैं दादेजीका स्थान बड़ाचमत्कारीक है ॥ यहांसे रेलपर बैठकर बंबई जाना। मौ० १६७ मा० २०) ७२ बंबई बंदर जंक्शन भाइखाला टेशन उतरनावारकोट औकोला दोनो बसती जुदो है ध० लालबाग में वगैरा बहोतहै मं० भ० के सहरमें कोलेमें कुलावे पर भाइखालेमें चौस बंदर पर बालकेखर वगैरे में हैं वा विद्याशाला वा जैनएसोसीयन वा पांजरापोल है तथा खुसकौरस्तेसे मेम अगासी वगैरामें मं०भ०के हैं यहांसे जलमार्गके रस्ते कलौकोट बंदरहै वहां कलौकुंडजी २३वें भ०का तीर्थ प्राचीन मं० है यहांसे रेलपर कल्याणी होते भुसावल जाना। मौ० ३४ मा० ) ७३ कल्यानी जंक्शन टेशनसे रेल दखिनको पुनाः सितरा अवला हैदरावाद चौनापटन मंदराज थाना: नासोक वगैरा बहोत जगे गइहै वहां ध० म० भ० के प्राचीन अपूर्व बहोत है पुस्तकमें विस्तार होजानेसे तथा वाकफ कारी वरावर नहीं मिलनेसे दखन बैराड खानदेस मालुवा बुंदेलखंड वघेलखंड वगैरा देश नगर गांवका हाल नहीं लिखाहै वौलकुल सो माफ करना साधर्मी भाइ लोग पुस्तक Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com

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