Book Title: Sarv Tirtho Ki Vyavastha
Author(s): Shitalprasad Chhajed
Publisher: Shitalprasad Chhajed

View full book text
Previous | Next

Page 21
________________ [ १९ ] ५३ महसांना जंक्शन टेशन उतरना सहरहै ध० म० भ० के हैं विद्याशालाहै यहांसे रेल को वहोत लैन गई है। यहांसे पाटनको रेलपर बैठ कर पाटन जाना। मौ० ३० मा० ) --arsasein ५४ पाटन ष्टेशन उतरना सहरहै ध० म० भ० के १५० है घरदेशसर १००० है पुस्तकोंका भण्डार प्राचीन जैसा यहांहै और जगे नहीं है उषासराहै जहांपर पुस्तके लिखी गइथो स्याहौके कुंडवने हैं १-५४ पंचासरागांवसे २३ में भ० पंचासराजीको मूरती कारण वस श्रीसंघने यहां लाय कर विराजमान करौहै सो तौथ पंचासरा जौ २३ में भ० का यहांहै मं० ध० है पाडली पंचासराग्राममें मंदिरजीहै उसमें मूरती और है संखेसराजी जाते रस्तमें गांव पाताहै २-५४ यहांसे खुसको रस्ते को० ३० संखेसरगांव है सवारी बैलगाड़ी मिले हैं जिनिस सब मिले हैं वहां २३ में भ० संखेसराजीका तीर्थ प्रसिद्ध है ध० म० भ० काहै वहांसे पाटन प्राना यहांसे को. २० राधनपुरहै खुसको रस्ते ध० म० भ० के बहोतहै वहांसे मांडल खुसको रस्ते है घ• मं० भ० केहै ॥ यहांसे रेल पर पौछा महसाने जाकर दूसरौ रेलमें बैठकर विसनगर जाना। मौ० ४३ मा० ॥७॥ ५५ विसनगर टेशन उतरना सहरहै ध० म० भ० के हैं यहांसे रेल पर बैठ कर वडनगर जाना। मौ० ८ मा० ) ५६ वडनगर टेशन उतरना सहरहै ध० म० भ० के हैं यहांसे रेल पर बैठ कर खैरालु जाना। मौ० ७ मा० । ५७ खैरालु टेशन उतरना यहांसे को० ४ खुसको रस्ते तारंगेनी जाना सवारौ बैलगाडीको मिले हैं गांव है जिनिस सब मिले हैं। Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com

Loading...

Page Navigation
1 ... 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42