Book Title: Sarv Tirtho Ki Vyavastha
Author(s): Shitalprasad Chhajed
Publisher: Shitalprasad Chhajed

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Page 22
________________ [ २० ] १-५७ तारंगजी तीर्थ है नौचे गांव है जिनिस सब मिले हैं ध० म० भ. काहै वहांसे मौ० १ पहाड़ पर तीर्थ है चढ़ाई थोड़ीहै को० १ को छोटा पहाड़ है उपर जिनिस कुछ नहीं मिले हैं रातको इच्छा होय तो रहते हैं खुली हो दर्शन करके चले आवो सवारी पहाड़पर कुछ जाती नहीं वा मिलती नहीं है वहां ध० कारखाना भण्डार मं० २ रे भ० का बड़ा उंचाहै असा उंचा मंदिर कहीं नहीं है अगर सगरको बड़ी भारी सहतौरे शिखरमें लगी है बड़ो लागतका मंदिरहै वौसाल यहांसे पोछा खैरालु जाना खैरालुसे पीछे महसाना जंक्शन टेशन आकर दूसरौ रेलमें देतराज जाना मी० २३ मा० )। ५८ दैतराज टेशन उतरना वहांसे को० २ खुसको रस्ते जाना बैलगाड़ी पर गांव है जिनिस मिले हैं। १-५८ भोयनौजी तीर्थ है ग्राममें ध० मं० १८ में भ० का बड़ा चमत्कारौक है जमौनमेसे सुपना देकर मूरत प्रगट भइधौ यहासे पीछे टेशन जाना ॥ यहांसे वोरंमगांव जाना। मौ० १८ मा० ॥ ५६ वीरमगांव जंक्शन टेशन उतरना सहर है ध० म० भ० के हैं यहांसे रेल अहमदावादको गइ है बढ़मान जाना मौ०६८ मा० )। ६० बढ़वान टेशन उतरना सहर को• १ है ध० मं० २३ में भ० कुरकुटेखरजौका तीर्थ है प्राचीन यहांसे नौमडीग्राम को० ४ है ध० म० भ० के हैं सहरहै यहांसे सोनगढ़ जाना मौ०७२ मा० १५) ११ धौला जंक्शन टेशनसे रेलको दो लैनहै वहांसे सोनगढ़ को रेलपर बैठके जाना। मो० १३ मा० ) Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com

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