Book Title: Saral Manav Dharm Part 01
Author(s): Mahendra Sen
Publisher: Shakun Prakashan Delhi

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Page 7
________________ दो शब्द स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद कुछ ऐसी हवा चली कि सारा ध्यान इसी पर लग गया कि उत्पादन बढ़ानो, इंजीनियर, डॉक्टर और ट्रैक्टर पैदा करो। फल यह हुग्रा कि शिक्षा पैसा कमाने मात्र के उद्देश्य से दी जाने लगी । इस बात पर किसी ने ध्यान नहीं दिया कि बच्चों को जब तक सदाचारी नहीं बनाया जाएगा और मानवता के श्राधारभूत सिद्धान्त नहीं समझाए जाएंगे, तब तक न तो वे अच्छे नागरिक बन सकेंगे और न सही मानों में राष्ट्रनिर्माता । चरित्रवान नागरिक नहीं होंगे तो भ्रष्टाचार, चोरी, ठगी, मुनाफाखोरी और हिंसा श्रादि समाज के कलंकों का बोलबाला रहेगा और राष्ट्रोन्नति की योजनाएं थोथी रह कर एक ओर धरी रह जाएंगी । मैं जब जैन हायर सेकेंड्री स्कूल दरियागंज का मैनेजर चुना गया तो मुझे सदाचार शिक्षा का अभाव बुरी तरह खटका और एक वर्ष के प्रयत्न के बाद यह पुस्तक प्रस्तुत करने में सफल हुआ हूं | चूंकि दर्शन सम्बन्धी मेरा ज्ञान नगण्य था प्रतएव मूल सामग्री पं० सुमेर चन्द शास्त्री न्यायतीर्थ ने बड़ी लगन से संकलित की और फिर भरसक मैंने उसे सरल भाषा में स्कूल के विद्यार्थियों के योग्य शैली में पुनः लिखने का प्रयास किया है । शिक्षक इस सामग्री को उदाहरणों व कथाओं का सहारा

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