Book Title: Saral Manav Dharm Part 01
Author(s): Mahendra Sen
Publisher: Shakun Prakashan Delhi

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Page 47
________________ स्वयं पूरी कर सको और किसी पर आथित न रहो परन्तु पैसा कमाना मात्र कभी मानव जीवन का उद्देश्य नहीं हो सकता। यह तो केवल अपने शरीर की रक्षा कर के और अच्छे काम कर ने का एक साधन मात्र है । अपना पेट तो जानवर, पक्षी, कीड़े, मकौड़े भी किसी तरह पाल कर जीवन भर जी लेते हैं। क्या केवल पेट पालने की भावना ही मन में लेकर हम भी जानवरों की तरह ही जीवन भर बिता देना चाहते हैं ? मानव जीवन मिला है तो अच्छे-अच्छे काम करने की ऊंची भावना मन में रक्खो और यह अच्छी तरह समझ लो कि शुद्ध जीवन व्यतीत कर के अपना तथा और जीवों का कल्याण कर पानोगे तभी तुम्हारा यह मानव जीवन सफल होगा। तभी तुम महावीर, गांधी, जवाहर, जैसे महान व्यक्ति वन कर अमर कीति के भागो वन सकोगे।

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