Book Title: Saral Manav Dharm Part 01
Author(s): Mahendra Sen
Publisher: Shakun Prakashan Delhi

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Page 46
________________ 12 वास्तव में यही जीवन का परम उद्देश्य होना चाहिए । डाक्टर अवश्य बनो परन्तु मात्र इस भावना से नहीं कि मोटी-मोटी फीस ले कर ढेर सा रुपया पैदा कर के ही वड़े श्रादमी वन जायोगे बल्कि इस लिए कि डाक्टरी सीख कर उन लोगों की सेवा कर सकोगे जो रोग से पीड़ित होकर घोर कष्ट पा रहे हैं चाहे वे अमीर हों या गरीब, पुलिस के अफसर बनना चाहो तो यह भावना लेकर कि अपने नगर को चोरों, ठगों, हत्यारों और बदमाशों से मुक्त करके अमनचैन कायम कर सको, प्रोफेसर बनो तो इस भावना से कि आने वाली पीढ़ी के युवकों को सच्ची शिक्षा देकर उन्हें अच्छे नागरिक बना सको । याद रक्खो कि केवल ग्रधिक धन संचय कर लेने से ही न तो देश का कल्याण हो सकता है और न तुम्हें ही संतोष हो सकता है । यदि ऐसा होता तो जिनके पास रुपया है वे सुख संतोष से रहते । परन्तु ऐसा दिखाई नहीं देता । उनकी रुपए की भूख कभी मिटती नहीं है और सारा जीवन इस भूख का पेट भरने में व्यतीत हो जाता है । संसार में रह कर पैसा कमाना भी आवश्यक है जिस से तुम अपनी आवश्यकताएं ४२

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