Book Title: Saral Manav Dharm Part 01
Author(s): Mahendra Sen
Publisher: Shakun Prakashan Delhi

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Page 49
________________ बुरी आदतें (सप्त कुव्यसन) व्यसन बुरी आदतों को कहते हैं । जिन आदतों से मनुष्य का भला होता है वे अच्छी यादतें हैं और जिन आदतों से मनुष्य गलत रास्ते पर चल कर अपना बुरा कर लेता है वे व्यसन या कुव्यसन कहलाते हैं। मुख्य व्यसन सात हैं जो हमेशा मनुष्य को पाप की ओर ले जाते हैं। इनका त्याग किए बिना मनुष्य सच्चा अहिंसा धर्म नहीं पालन कर सकता। (१) जुया-किसी भी तरह को हारजीत की शर्त लगाकर जो काम किया जाता है वह जत्रा कहलाता है। पैसा लगाकर ताश खेलना, नवको-मुळे खेलना, कंचे खेलना, बद-बद कर पतंग उड़ाना, चौपड़ खेलना आदि सब जुए में शामिल है । जुवा खेलने का व्यसन जिस को पड़ जाता है वह चाहे कुछ भी हो जाए, चाहे बच्चे भूखे मर जाएं, उन को कपड़ा न नसीव हो,

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