Book Title: Saral Manav Dharm Part 01
Author(s): Mahendra Sen
Publisher: Shakun Prakashan Delhi

View full book text
Previous | Next

Page 13
________________ समझा जाता है वह हमारे शरीर को थोड़ी देर को तो सुख पहुंचाते मालूम पड़ते हैं लेकिन फिर वही प्रशान्ति पैदा हो जाती है । जो रास्ता सच्चे सुख और शान्ति यानि ज्ञान की तरफ ले जाए वही धर्म है । एक बात और —- जैसे तुम सुख और शान्ति चाहते हो, वैसे ही और लोग भी सुख और शान्ति चाहते हैं । यदि तुम ने कोई ऐसा काम किया जिससे किसी दूसरे को दुःख पहुंचा तो वह भी धर्म है । धर्म का सही मतलब है कि तुम्हें भी सुख पहुंचे और दुनिया के सव जीवों को भी सुख पहुंचे ।

Loading...

Page Navigation
1 ... 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69