Book Title: Saral Manav Dharm Part 01
Author(s): Mahendra Sen
Publisher: Shakun Prakashan Delhi

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Page 20
________________ पुत्र भरत को सौंप कर मुनि हो गए और घोर तपस्या करके उन्होंने सब से ऊंचा ज्ञान जिसे केवल ज्ञान कहते हैं प्राप्त किया और फिर सब जीवों को उपदेश दिया । वह जिस भाषा में बोलते थे उस को मनुष्य, पशु-पक्षी, आदि सब ग्रपनी-अपनी भाषा में समझ लेते थे । उस के बाद जब उनकी आयु पूरी हो गई तो उन को मोक्ष हुआ और वह पहले तीर्थंकर कहलाए ।

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