Book Title: Saral Manav Dharm Part 01
Author(s): Mahendra Sen
Publisher: Shakun Prakashan Delhi

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Page 32
________________ जीव और उस के भेद संसार में दो द्रव्य मुख्य हैं : जीव और अजीव ! जीव उसे कहते हैं जिस में जान होती है यानि जानने या देखने की शक्ति होती है। दूसरे शब्दों में जीव उसे कह सकते हैं जिस में प्रात्मा होती है और अजीव उसे जिस में नहीं होती। अजीव में इसी लिए जानने या देखने की शक्ति नहीं होती। जोव पांच प्रकार के होते हैं : (१) जिन के केवल एक इन्द्री होती है यानि जो केवल स्पर्षण अर्थात् छूने को महसूस कर सकते हैं। इन के केवल सांस लेने की शक्ति होती है। यह भोजन अपनी खाल से चूस कर करते हैं। उदाहरण के लिए पेड़-पौधे, वे जीव जिन से मिल कर पृथ्वी बनती है, वे जीव जिन से मिल कर जल बनता है, वे जीव जिन से मिल कर अग्नि बनती है और वे जीव जिन से मिल कर

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