Book Title: Saral Manav Dharm Part 01
Author(s): Mahendra Sen
Publisher: Shakun Prakashan Delhi

View full book text
Previous | Next

Page 16
________________ यह घमण्ड कर बैठते हैं कि हम तो अपने मन के पक्के हैं हमारे ऊपर दूसरों का कोई असर नहीं पड़ता । यह बात बिल्कुल गलत है। बार-बार रस्सी की रगड़ से पत्थर में भी निशान पड़ जाता है । बार-बार ग्रच्छी वातें सुनने को मिलेंगी तो अच्छे बनोगे और बुरी बातें सुनते रहोगे तो बुरे ही बनोगे । कहावत है कि "काजल की कोठरी में कैसो हु सयानो जाए, एक लीक काजर की लागि है पै लागि है" अर्थात् ऐसी कोठरी में जो बिल्कुल काजल से भरी है कितना ही होशियार आदमी क्यों न घुसे उस के थोड़ी बहुत स्याही जरूर लगेगी । इस लिए कुसंगति की काजल की कोठरी से दूर रहना ही अच्छे बच्चों का काम है । १२

Loading...

Page Navigation
1 ... 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69