Book Title: Sankheshwar Stavanavali
Author(s): Vishalvijay
Publisher: Yashovijay Jain Granthmala

View full book text
Previous | Next

Page 20
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.oAcharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir [११] इहास्ति शंखेश्वरतीर्थमद्भुतं - सनाथकं पार्श्वजिनाभिभूभुजा । भुजङ्गमानां यमुपप्लवे भजन नतेन मूर्धा हरिरग्रहीदपः॥ [१२] सकलसुरासुरवन्यं हृद्यगुणं जगदनिन्धमहिमानम् । श्रीशंखेश्वरपुरवरमण्डनमभिनौमि पाच जिनम् ॥ [१३] जरा जरासन्धनृपेण मुक्ता निश्चेष्टमातेनुषी कृष्णसैन्यम् । पलायिता यत्स्नपनाम्बुना तं शंखेश्वरं पार्श्वजिनं नमामि ॥ [१४] महानन्दकल्याणगेहं सुदेहं लससिद्धिरामावरं साधुगेहम् । अनन्तप्रभावं जितद्वेषमाशु स्तुवे पार्श्वशंखेश्वरं सौख्यकारम् ॥ [१५] ॐ नमो विश्वविख्यातकोतये स्फारमूर्तये । श्रीशंखेश्वरपायि त्रैलोक्याह्लादकारके । [१६] ॐ नमः परमानन्दनिधानाय महस्विने । शंखेश्वरपुरोत्तंसपार्श्वनाथाय तायिने ॥ For Private And Personal Use Only

Loading...

Page Navigation
1 ... 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118