Book Title: Sankheshwar Stavanavali
Author(s): Vishalvijay
Publisher: Yashovijay Jain Granthmala

View full book text
Previous | Next

Page 35
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.oAcharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir [५] जगत्पूज्यश्रीमद्विजयधर्मपरिगुरुभिः विरचित श्रीशङ्केश्वरपार्श्वनाथाष्टकम् । श्रेयापति श्रीनरदेवपारगं ___ सदा सदाचारविचारपारगम् । भक्तया जनानां सुखदानतत्परं नमामि शलेश्वरधामसंस्थितम् ॥१॥ कृतोपसर्ग कमठेन कर्मठं तथापि निश्चिन्तनिबाधमानसम् । विधूतदुःखं समतासरोवरं ___ नमामि शङ्केश्वरधामसंस्थितम् ॥२॥ भवाटवीं बम्भ्रमता मया नुतं भवाब्धिपोतं सुविशाललोचनम् । सदा प्रसन्नं सुखशान्तिकारक नमामि शङ्केश्वरधामसंस्थितम् ॥३॥ अगाधसिद्धान्तपयोधिशेवधि मनाथनाथं सततं सुबोधिदम् । कृतापराधेषु जनेषु शान्तिदं __ नमामि शङ्गेश्वरधामसंस्थितम् ॥ ४ ॥ कषायवर्ने निकषायचित्तकं सुसाधुसङ्घ विकथादिवाकरम् । अज्ञानमूढे सुकृतादिदेशकं नमामि शलेश्वरधामसंस्थितम् ॥५॥ For Private And Personal Use Only

Loading...

Page Navigation
1 ... 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118