Book Title: Sankheshwar Stavanavali
Author(s): Vishalvijay
Publisher: Yashovijay Jain Granthmala
View full book text
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.oAcharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
कषायदावानलदाहनीरदं
कुसङ्गसङ्गादिविषाहिमन्त्रदम् । अनादिसंसारविकारजायुदं
नमामि शलेश्वरधामसंस्थितम् ॥ ६ ॥ सदागमादेनितरां प्ररूपकं
कुवासनादेः प्रबलं विडम्बकम् । अनेकविघ्नालिविपत्तिनाशकं
नमामि शलेश्वरधामसंस्थितम् ॥ ७ ॥ यस्य प्रलादेन जगजनाना
__ मनादिजन्यं क्षयमेति पापम् । तं देववन्धं सुरराजसेव्यं
नमामि भक्तथा प्रभुपार्श्वदेवम् ॥ ८ ॥
-
श्रीभावप्रभविरचित
श्रीशद्वेश्वरपार्श्वनाथाष्टकम् । श्रीसद्म पद्मापतिपूजिताङ्गं
स्नात्राम्भसो जातजयं जरान्तात् । सत्प्रातिहार्येण सदा सनाथ
नमामि शळेश्वरपार्श्वनाथम् ॥१॥ लीलागृहं मङ्गलबालिकायाः
सुखाऽऽसिकायाः प्रवरं वदान्यम् । यमीश्वरं निर्मलयोगनाथं
नमामि शोश्वरपार्श्वनाथम् ॥२॥
For Private And Personal Use Only

Page Navigation
1 ... 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118