Book Title: Samvada Ki Khoj
Author(s): Padmasagarsuri
Publisher: Arunoday Foundation

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Page 7
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir -: दो शब्द :चिंतन के अभाव में चिंताओंका उपस्थित रहना स्वाभाविक है । अनादि कालीन संस्कार और वर्तमान अशुभ निमित्त उसके कारण हैं । क्लेश पारिवारिक अशांति व अन्य कई असाध्य रोगों का कारण भी ये मानसिक चिंताएँ ही हैं । चिंता स्वयं में एक रोग है, जिसका उपचार चिंतन के द्वारा ही संभव है । अलग अलग दृष्टिकोणों से संसार के पदार्थों का विचार या चिंतन प्रस्तुत पुस्तकमें दिया गया है । संसार को आध्यात्मिक घष्टि से देखने की कला जगत के लोगों को देखने को मिले, इसी भावना से इसका प्रकाशन किया जा रहा है। विद्वान् मुनि श्री देवेंद्रसागरजी की प्रेरणा से इन चिंतनों को व्यवस्थित रूप देकर आपके समक्ष रखा जा सका है, तदर्थ वे धन्यवाद के योग्य हैं । इस पुस्तक के चिंतन-मनन के द्वारा पाठक- वर्ग स्वकल्याण की प्रवृत्तिमें विकास प्राप्त करें, यही मेरी शुभ कामना है। बेंगलोर ५-१०-८९ Titm! ... For Private And Personal Use Only

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