Book Title: Ritthnemichariyam Part 3 2
Author(s): Swayambhudev, Ramnish Tomar, Dalsukh Malvania, H C Bhayani
Publisher: Prakrit Text Society Ahmedabad
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णवासीइमो संधि
परिहिय सण्णाहहो लउडि-सणाहहो
जिह गयहो महागउ रोस - वसंगउ
[१]
सरहस दप्पुब्भड भिडिय भीस जिह जम-वइसवण पुरंदरेण जिह मंदर - मेरु जुअ - क्खएण जिह चंद-दिवायर उग्गमेण तिह कुरुव-विओयर हलहरेण पइसारिय दुइ - वि स - लउडि- दंड णं जमल-जलय विज्जुल - णिसण्ण णं तरुस - साह णं गिरिस - सिंग
घत्ता
भुवणंतर-पूरई दिण्णई तूर अमुणिय परिमाणई अमर विमाणई
[२]
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अइरावए सुरवइ सुरए भाणु जमु महिसे णिसायरु अच्छहले मारुड सारंगे विमाणे जक्खु गोहए रुद्दाणि मऊरे खंदु अवरेहिं अवर आरूढ देव णाणाहरणाभा -भूसियंग णाणाउह णाण-यपत्त
णाणाविह वर वाहण - विलग्ग
and
परिपारद्धाओहणहो । भिडिउ भीमु दुज्जोहणहो ||
वएवें चालिय वे - वि सीस जिह उह - पक्ख छण-वासरेण जिह जइ - आलाण महागएण जिह गंग-जउण दह - संगमेण रण - रंगहो मज्झे स-मलहरेण णं मत्त - महागय उद्ध-सुंड णं भीम भुवंगम णाग- कण्ण हय गोमुह डंवर दीड मुइंग
वहिरिय-सयल - दियंतरई । णहयले थियई निरंतरई ॥
अय- पिट्ठि परिडिउ चित्तभाणु मयरहरु मयरे मयरेक्क-मल्ले भाणु हंसे गोविसे तियक्खु मंडुक्क सुक्कु पंचमुहे चंदु थिय अंवरे लंवंवुरुह जेवं णाणा - परिहाण - वरुत्तमंग णाणा-धय-चामर-सोह - पत्त रण-रंगंगणु जोयणहं लग्ग
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