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1.
अम्हारिसी
मारिसी
(ग) 1. अम्हार / अम्हारय
महार / महारश्र
तुम्हारिसी
भवारिसी
सरिसी / सरिच्छी
66 1
तुम्हार / तुम्हार
तुहार / तुहारन / तुहारय
मेर
मेरश्र
अम्हारी
महारी
तुम्हारी
तुहारी
मेरी
==हमारे जैसी
= मेरे जैसा
= तुम्हारे जैसी
= प्राप जैसी
= समान |
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= हमारा
= मेरा
== तुम्हारा
=तेरा
= मेरा
= मेरा
-
= हमारी
=मेरी
= तुम्हारी
=तेरी
=मेरी
(स्त्रीलिंग)
1
> (पुल्लिंग, नपुंसक लिंग )
अपभ्रंश में तेरा, मेरा, हमारा, तुम्हारा - ऐसे सम्बन्ध सूचक भाव प्रकट करने के दो तरीके हैं
(i) षष्ठी विभक्ति के माध्यम से - तुज्झ / तउ, मज्भु / महु |
(ii) उपर्युक्त विशेषण शब्दों (अम्हार आदि) के द्वारा । इनके रूप विशेष्य के अनुसार चलेंगे । पुल्लिंग में 'देव' के समान, स्त्रीलिंग में 'लच्छी' के वनपु. में 'कमल' के समान ।
(स्त्रीलिंग)
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[ प्रौढ अपभ्रंश रचना सौरभ
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